मधुमेह और डेंगू जैसी जानलेवा बिमारियों का एकमात्र इलाज़ हैं गिलोय का सेवन, जाने इसके फायदे

एक स्वस्थ व्यक्ति यदि सही तरीके से गिलोय का सेवन करे तो उसे किसी भी तरह का रोग होने की संभावना नगण्य हो जाती है। गिलोय को गुडुची नाम से भी जाना जाता है। यह एक बेल होती है, जिस पर पान जैसी शेप का डार्क ग्रीन पत्ता आता है। यह डेंगू फीवर का एक बेजोड़ इलाज है और रोगी को जल्दी ठीक करने में मदद करता है।

गिलोय की टहनियों, बीजों और पत्तियों का सेवन करने से रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। गिलोय चूर्ण, काढ़ा, गोली आदि का सेवन करने से वात, पित्त और कफ से संबंधित रोगों जैसे एनीमिया, बुखार, बवासीर, खांसी, एसिडिटी, मधुमेह में फायदा मिलता है। गिलोय के रस का नियमित रूप से सेवन करने से पाचन तंत्र ठीक रहता है।

गिलोय में कैल्शियम, प्रोटीन, फॉस्फोरस पाया जाता है। इसके तनों में स्टार्च की अच्छी मात्रा होती है। तनाव, चिंता, घबराहट, दमा, मुहांसे, लिवर, पीलिया, कब्ज और खून की कमी में इसका जूस लेना फायदेमंद है।

गिलोय की तासीर गर्म होती है। गिलोय का काढ़ा और जूस बनाकर सेवन करें। पीने में गिलोय के तने का जूस लेने से डेंगू, त्वचा, आंखों, पेट और आर्थराइटिस में फायदा मिलता है। शरीर में जलन होने पर आंवला के साथ इसका जूस लेने से लाभ होता है। गर्भवती और स्तनपान करवाने वाली महिलाएं डॉक्टर की सलाह से इसका इस्तेमाल करें।

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