कौशाम्बी: यमुना में बाढ़ से त्रस्त जनता को भूले अफसर और सत्ताधारी विधायक
यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या के गृह जनपद कौशाम्बी में यमुना नदी के जल स्तर में दिन प्रतिदिन बृद्धि हो रही है, बढ़े जलस्तर से तराई इलाके के गावों में घुसा पानी।
यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या के गृह जनपद कौशाम्बी में यमुना नदी के जल स्तर में दिन प्रतिदिन बृद्धि हो रही है बढ़े जलस्तर से तराई इलाके के गांव पानी घुस गया है। जिसके चलते फसलें तो जल मग्न हो ही गई है, वहीं ग्रामीणों को भी फजीहतों का सामना करना पड़ा है। एकाएक बाढ़ आने से यमुना की तराई के लगभग डे़ढ़ दर्जन से अधिक गांवों में आने जाने का संपर्क टूट गया है।
अब ग्रामीण नाव के सहारे एक गांव से दूसरे गांव तक पहुँचते हैं। वहीं बढ़ते जलस्तर को देखते हुए ग्रामीण लोग अपनी गृहस्थी को बचाने में भी जुट गए हैं। काफी समय बीत जाने के बाद भी ग्रामीणों की सुधि लेने के लिए तहसीलदार के अलावा जिले का कोई भी बड़ा अधिकारी डूबे हुए गांव का हाल जानने के लिए जल प्रभावित गांवों में नहीं पहुंचे हैं जिसके चलते ग्रामीणों में नाराजगी भी देखने को मिल रही है।
पहाडो़ं पे हो रही लगातार बारिश के चलते यमुना के जल स्तर में काफी तेजी के साथ बृद्धि देखने को मिल रही है जिससे जिला प्रशासन ने तराई इलाके के ग्रामीणों को सतर्क रहने की बात कही थी। इसके अलावा 24 बाढ़ चौकियां स्थापित कर दी है। यमुना में बाढ़ आने से मंझनपुर एवं चायल तहसील के दर्जनों गांवों में पानी घुस गया। इसके अलावा किसानों की फसल भी जलमग्न हो गई।
सबसे ज्यादा परेशानी चायल तहसील के बेनपुर, कटैया, भखन्दा,मल्हीपुर, डिहवा, डेरा आदि गांवों का बाढ़ से संपर्क टूट गया। ग्रामीणों नाव के सहारे एक से दूसरे गांव जाने को मजबूर हो रहे हैं। ग्रामीणों की माने तो बाढ़ का पानी तेजी से लोगों के घरों में घुस रहा है। फसले भी नष्ट हो गई हैं। लेकिन कोई भी बड़ा अधिकारी एवं जनप्रतिनिधि मौके पर नहीं पहुंचे वहीं आज नेवादा ब्लॉक के प्रमुख प्रतिनिधि संदीप मिश्रा ने जल प्रभावित इलाकों मे जाकर राहत समाग्री बांटा है।
इससे ग्रामीणों में शासन के प्रति काफी नाराजगी देखने को मिली है।हालांकि चायल तहसीलदार ही शनिवार को गए थे वह भी जल प्रभावित गावों को केवल कोरा आश्वासन देकर चले गए थे। डीएम सुजीत कुमार सिंह ने बताया कि यमुना में जलस्तर धीरे-धीरे पड़ रहा है। जिससे तराई के इलाकों में बाढ़ आ गई है। ऐसे में ग्रामीणों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचने का संदेश दिया जा रहा है। इसके अलावा 24 बाढ़ चौकियां भी स्थापित कर दी गई है। बाढ़ से प्रभावित लोगों की मदद की जा रही है। किन्तु जमीनी हकीकत तो ये है की अभी तक किसी प्रकार की कोई ब्यस्था जल प्रभावित इलाकों में नहीं की गई है।
BYET- मो० आजम ग्रामीण
BYET- मो० साकिब ग्रामीण
BYET- गोरकी देवी ग्रामीण
BYET- भगौती प्रसाद ग्रामीण
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