इस मेढक का नाम ‘ऐशानी’ तो नई मछली का नाम भुजिया, जानें इन नये दिलचस्प प्रजातियों के नाम

भारत में पिछले साल जानवरों की 364 नई प्रजातियों की खोज की गई है। जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ZSI) की हालिया जारी रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी गई है।

नई दिल्ली: भारत में पिछले साल जानवरों की 364 नई प्रजातियों की खोज की गई है। जूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ZSI) की हालिया जारी रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी गई है। ऐसे में देश की जैव विविधता को वाली इन प्रजातियों के नामकरण की प्रक्रिया इनकी खोज से ज्यादा दिलचस्प है। नए विज्ञान की इन प्रजातियों को बड़े विचित्र और मजाकिया नाम भी दिए गए हैं।

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उदाहरण के तौर पर केरल के मलप्पुरम में खोजे गए सांप के सिर वाली एक मछली को ही लें। जीव वैज्ञानिकों ने इस मछली का नाम जेआरआर टॉल्किन की नॉवेल ‘लॉर्ड ऑफ द रिंग्स’ से उधार लेकर ‘गोलम’  रखा है। वहीं एक अन्य मछली की नई प्रजाति का नाम वैज्ञानिकों ने ‘भुजिया’  रखा है क्योंकि इसकी आकृति मशहूर भारतीय स्नैक्स भुजिया की तरह दिखती है। भुजिया और गोलम को आगे के शोध के लिए बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी में रखा गया है।

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ऐसे ही एक कीड़े का नाम रिसर्चर्स ने ‘एम्फीक्रोसस कबिताए’ रखा है। बताया गया कि जिस शोधकर्ता ने इस प्रजाति की खोज की थी, उसकी मां का नाम कबिता दासगुप्ता है। अरुणाचल प्रदेश के तवांग मॉनेस्ट्री (मठ) के इलाके में एक कीड़े की खोज हुई तो उसका नाम ‘प्रशांत’ रख दिया गया। इसका मतलब शांति और करुणा होता है, जो इलाके के बौद्धों की प्रचलित आस्था का प्रतीक है।

ऐसे ही असम के कछार में पाए गए एक मेढक का नाम ‘ऐशानी’ रखा गया। तमिलनाडु के कोडईकनाल में छिपकली की एक नई प्रजाति पाई गई तो उसका नाम ‘थोलपल्ली’ रख दिया गया। थोल का मतलब पुराना होता है जबकि पल्ली का अर्थ छिपकली है। हिमाचल प्रदेश में सताक्षी नाम की छात्रा ने वॉइटफ्लाइ प्रजाति के एक कीड़े की खोज की। सफेद रंग के इस खटमल (बग) का नाम ‘पीलियस सताक्षिआ’ रखा गया है।

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