दिल्ली : EMI पर ब्याज के ऊपर ब्याज मामले में सुनवाई आज

लोन मोरेटोरियम के दौरान ब्याज मामलें में आज सुनवाई होनी है। EMI पर ब्याज के ऊपर ब्याज मामले में सुनवाई होगी। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से अपील की है।

दिल्ली। लोन मोरेटोरियम के दौरान ब्याज मामलें में आज सुनवाई होनी है। EMI पर ब्याज के ऊपर ब्याज मामले में सुनवाई होगी। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से अपील की है।

चक्रवृद्धि ब्याज 2 करोड़ तक माफ होगा , MSME ऋण, शैक्षिक, आवास, उपभोक्ता, ऑटो, क्रेडिट कार्ड बकाया, पेशेवर लोन, उपभोग।ऋण पर चक्रवृद्धि ब्याज नहीं लगाएं, वित्त मंत्रालय ने अदालत में हलफनामा दिया।

आपको बता दें कि आजायनी  सोमवार को मामले पर होने वाली सुनवाई से पहले दाखिल हलफनामे में बताया गया गया था कि

कर्ज लेने वालों पर अतिरिक्त ब्याज का बोझ नहीं डाला जाएगा

केंद्र ने बताया है कि उसने इस मसले पर CAG राजीव महर्षि की अध्यक्षता में एक कमिटी के गठन किया था. उसकी सिफारिशों को वह स्वीकार करना चाहता है. 2 करोड़ रुपए तक का कर्ज लेने वालों पर अतिरिक्त ब्याज का बोझ नहीं डाला जाएगा।

मार्च से अगस्त तक मोरेटोरियम योजना यानी किश्त टालने के लिए मिली छूट का लाभ बड़ी संख्या में लोगों ने लिया था. उनकी शिकायत थी कि अब बैंक बकाया राशि पर अतिरिक्त ब्याज लगा रहे हैं. यह उचित नहीं है. कोर्ट ने सरकार से इस पर सवाल पूछा था. अब सरकार ने जिस श्रेणी के कर्ज़ के लिए ब्याज के ऊपर ब्याज न लगाने का प्रस्ताव दिया है, वह हैं- 2 करोड़ रुपए तक के लघु और मध्यम दर्जे के व्यापार के लोन, एजुकेशन लोन, होम लोन, उपभोक्ता सामग्री के लिए लोन, क्रेडिट कार्ड बकाया, कार-टू व्हीलर लोन और पर्सनल लोन.

बैंकों पर 5 से 6 हज़ार करोड़ रुपए का बोझ पड़ेगा

सोमवार को मामले पर होने वाली सुनवाई से पहले दाखिल हलफनामे में बताया गया है कि सरकार छोटा कर्ज़ लेने वालों की मदद करना चाहती है. स्थगित ईएमआई राशि के लिए ब्याज माफी का लाभ हर श्रेणी को नहीं दिया जा सकता. छोटे कर्ज़ के लिए भी इस योजना को लागू करने से बैंकों पर 5 से 6 हज़ार करोड़ रुपए का बोझ पड़ेगा. अगर हर श्रेणी पर इसे लागू किया गया तो यह राशि 15 हज़ार करोड़ रुपए तक हो सकती है. बैंकों पर इतना बोझ डालने से बैंकिंग व्यवस्था चरमरा जाएगी.

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