सुप्रीम कोर्ट में चल रही है प्रशांत भूषण मामले की सुनवाई…

सुप्रीमकोर्ट- प्रशांत भूषण मामला सुनवाई…

भूषण के वकील धवन ने कहा कि प्रशांत भूषण अपना बयान पढ़ना चाहते हैं , कोर्ट ने कहा हमने पढ़ लिया है, इसकी जरूरत नहीं है

SC ने कहा आप यह बताइए कि अगर सज़ा देनी हो तो क्या दें

AG ने कहा कि आप कह दीजिए कि भविष्य में ऐसा बयान न दें

SC ने कहा कि हम जानते हैं कि दुनिया में कोई भी पूर्ण नहीं है। गलती सब से होती है। लेकिन गलती करने वाले को इसका एहसास तो होना चाहिए

SC ने कहा कि हमने उनको अवसर दिया लेकिन उन्होंने कहा कि माफी नहीं मांगना चाहते

AG ने कहा कि भूषण को लगता है कि उन्होंने गलत नहीं किया, कोर्ट मानता है कि भूषण ने गलत किया है आप चेतावनी देकर जाने दीजिए

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर भूषण को यह लगता है कि उन्होंने गलत नहीं किया तो हमारी बात का क्या फायदा होगा, यह कैसे सुनिश्चित होगा कि वह भविष्य में ऐसा नहीं करेंगे

AG- भूषण आइंदा ऐसा नहीं करेंगे

जज- तो ऐसा उन्हें कहना चाहिए। वह ऐसा कहते तो मामला सरल था। लेकिन उन्होंने अपने ट्वीट को सही ठहराना शुरू कर दिया

जस्टिस अरुण मिश्रा ने अटॉर्नी जनरल से सवाल किया , अगर भूषण ने कोई गलती नहीं की है तो चेतावनी किस बात की दी जाए?

कोर्ट: आपने खुद भूषण के खिलाफ अवमानना ​​दायर की थी जब भूषण ने आप पर अदालत को गुमराह करने का आरोप लगाया था।
अटॉर्नी जनरल: मैंने उस केस को वापस ले लिया था
कोर्ट: हां लेकिन भूषण द्वारा खेद व्यक्त लड़ने के बाद

कोर्ट: भूषण ने इस संस्था, इस अदालत के न्यायाधीशों के खिलाफ कई अपमानजनक टिप्पणियां की हैं। यहां तक ​​कि
रामजन्मभूमि मामले में भी, उस मामले से जुड़े केवल एक न्यायाधीश सेवानिवृत्त हुए है, बाकी अभी भी इस अदालत में हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्रशांत इस मसले कि गंभीरता को ही नहीं समझ रहे कि उनकी वजह से कोर्ट कि छवि को आघात लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि क्या सुप्रीम कोर्ट को अपने फैसले के जरिए ही बोलना चाहिए? हर कोई इस बारे में चर्चा कर रहा है कि कैसे प्रशांत भूषण ने सुप्रीम कोर्ट के बारे में अपमानजनक बातें कही हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ऐसा नहीं कि अदालत के फैसले पर टिप्पणी नहीं होती पर अपमान करने कि श्रेणी अलग है।

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