पूर्व सीएम अखिलेश यादव द्वारा कायाकल्प की गयी “गोमती नदी” आज अपने अस्तित्व के लिए कर रही संघर्ष
पूर्व सीएम अखिलेश यादव द्वारा कायाकल्प की गयी "गोमती नदी" आज अपने अस्तित्व के लिए कर रही संघर्ष
Gomti river : हम तो अब तक यही मानते हैं कि भारतवर्ष में जिस इलाके को कुदरत से जो मिला है, वह ईश्वर का वरदान ही है. पर शिव पुराण में एक नदी को ईश्वर ने खुद आदेश दिया कि वह मां बन कर जनता का लालन-पालन करे. इस पुराण में भगवान शिव स्वयं नर्मदा और गोमती को अपनी पुत्रियां स्वीकार करते हैं.
- आज की बात उन्हीं में से एक गोमती की.
- वही गोमती, जिसे ऋग्वेद के अष्टम और दशम मण्डल में सदानीरा बताया गया है.
- गोमती अवध को मिला ईश्वर का वरदान ही है.
- पर हमें अब ऐसे वरदानों की परवाह ही कहां है!
Gomti river : राजधानी लखनऊ की लाइफ लाइन कहे जाने वाली गोमती नदी राजनीति का शिकार हो चुकी है. जिस गोमती को अखिलेश सरकार ने सजा धजा कर लोगों के मनोरंजन के साथ स्वच्छ नदी का निर्माण किया था. उस नदी में आज गंदगी का अंबार लग गया है. 2017 में जैसे ही उत्तर प्रदेश की राजनीति में बीजेपी की काबिज हुई. उसके बाद से जैसे गोमती नदी पर मानों ग्रहण सा लग गया.
कबाड़ में तब्दील हो रहे झूले, पार्क, पार्किंग ,सहित हाईटेक म्यूजिक सिस्ट:-
- सरकार बदलने के बाद जहाँ बीजेपी सरकार ने राजनैतिक द्वेष से पूरे प्रोजेक्ट की जांच शुरू कर दी.
- तो वहीँ दूसरी तरफ पूरे प्रोजेक्ट को ही बन्द कर दिया गया.
- आलम ये है कि गोमती नदी के किनारे जहा कूड़े का अंबार है.
- वही नदी में भी इतनी गंदगी है कि देखने मे भी शर्म आ जाये।
- सरकार की उपेक्षा के चलते गोमती के किनारे लगाए गए झूले, पार्क, पार्किंग ,सहित हाईटेक म्यूजिक सिस्टम सब कबाड़ में तब्दील हो रहे हैं.
पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा किया जा रहा था गोमती नदी का विकास :-
- पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव द्वारा गोमती नदी को सवारने में जो पैसा खर्च किया गया उस पैसे को भी बीजेपी सरकार ने पानी में बहा दिया।
- आज आलम ये है कि लोग गोमती नदी के तट पर जाना तो दूर लोग उसकी तरफ देखना भी पसंद नहीं कर रहे हैं.
- गोमती नदी के किनारे बने पैदल पथ मार्ग भी टूट चुके हैं.
- जितने कार्य गोमती नदी के विकास हेतु चल रहे थे वे सब कागजों में दफन हो गए हैं.
- आज न तो जांच है और न ही कोई कार्यवाही।
- है तो सिर्फ गोमती नदी की बेबसी और बदहाली।
- जिसको भी इंतजार है पूर्व सीएम अखिलेश यादव का.
- शायद उनके आने के बाद ही सुधरेगी गोमती नदी की तस्वीर।
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