जालसाज महिला ने थाने में तैनात सिपाही पर लगाया बलात्कार का आरोप, एसपी बोले- झूठी शिकायत
लेकिन जांच में पता चला कि थाने में 3 कैमरे लगे हैं। 30 के पहले से अब तक कैमरा क्रियाशील है। फुटेज में कोई भी कपड़ा ढ़कने वाली बात नहीं दिखी।
सुल्तानपुर : जालसाज शातिर महिला से हर एक परेशान है। क्या अधिकारी क्या पुलिस के लोग उसकी परछाई से भी डरते हैं। इसलिए कि महिला द्वारा मुकदमा लिखवाना दायें-बाएं हाथ का खेल है। आलम तो यह है कि क्षेत्र के लोग भी इससे त्रस्त हैं।बताते चलें कि इस शातिर महिला की पहचान करौंदीकला थाना अंतर्गत सविता पाल पत्नी राजाराम पाल के रूप में हुई है। दो दिन पूर्व 6 जुलाई को महिला SP ऑफिस पहुंची और नए पुलिस कप्तान सोमेन वर्मा को शिकायती पत्र दिया।
महिला द्वारा लगाए गए आरोप निराधार
जालसाज महिला ने आरोप लगाया कि 30 जून को उसे थाने में रात में रोककर दो सिपाहियों ने CCTV पर कपड़ा डाल कर उसके साथ बलात्कार किया। इस प्रकरण की जांच SP सोमेन वर्मा ने CO कादीपुर को सौंपी।तो वहीं क्षेत्राधिकारी ने संबंधित लोगों के बयानों के अलावा डिजिटल साक्ष्य भी इकट्ठा किया। जिसके आधार पर प्रामाणित हुआ कि महिला द्वारा लगाए गए आरोप निराधार व असत्य हैं। थाने के कैमरे को कपड़े से ढकने के बारे में बताया गया था लेकिन जांच में पता चला कि थाने में 3 कैमरे लगे हैं। 30 के पहले से अब तक कैमरा क्रियाशील है। फुटेज में कोई भी कपड़ा ढ़कने वाली बात नहीं दिखी।
महिला ने उग्र किया व्यवहार
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि बाकी डिजिटल साक्ष्यों के माध्यम से स्पष्ट है कि 30 जून को महिला थाने पर गई ही नहीं थी। महिला उस दिन अपने गांव से सुलतानपुर तथा सुलतानपुर से वापस अपने गांव जाने का प्रमाण मिला है।साथ ही साथ यही नहीं जालसाज महिला ने करौंदीकला थाने में तैनात सिपाही रणजीत सिंह पर बलात्कार का आरोप लगाया गया है। जबकि थाने पर इस नाम का कोई सिपाही तैनात ही नहीं हैं पुलिस अधीक्षक द्वारा जानकारी दी गई कि दरअसल 29 जून को महिला ने IGRS के जरिए प्रार्थना पत्र दिया था। जिसको लेकर पुलिस टीम जांच करने गई तो महिला ने उग्र व्यवहार किया। मौके पर शांति व्यवस्था भंग होने की उत्पन्न संभावना के दृष्टिगत पुलिस ने उसके खिलाफ शांति भंग में कार्यवाही करते हुए उसे गिरफ्तार किया गया।
वर्दी फाड़ने की भी किया कोशिश
इसके बाद उसे SDM कादीपुर की कोर्ट पर पेश किया जहां से उसे जमानत पर रिहा कर दिया गया था।तो वहीं क्षेत्राधिकारी की जांच में इस बात का भी खुलासा हुआ कि महिला के विरुद्ध 2018-2019 के दौरान मुअसं- 32/18 धारा 323/504 व 3(1)ध SC/ST एक्ट, मुअस- 215/18 धारा 323/504/506/324 व 3(1)ध SC/ST एक्ट करौंदीकला में दर्ज है। साथ ही 2019 में महिला ने उग्रतापूर्वक हमलावर होकर सरकारी कार्य में बाधा डालते हुए ड्यूटी पर तैनात महिला सिपाही शिल्पी सिंह व प्रीति कश्यप के साथ मारपीट किया, वर्दी फाड़ने की कोशिश भी किया था। महिला आरक्षी प्रीति कश्यप का बाल पकड़कर खीचा था तथा महिला आरक्षी शिल्पी सिंह द्वारा छुड़ाने का प्रयास करने पर उसके हाथ पर दांत से काटा था। जिससे मौके पर खून बहने लगा।
कोर्ट में किया गया पेश
इस सम्बन्ध में महिला के विरुद्ध कादीपुर कोतवाली में मुअस- 43/2019 धारा- 186/332/353 दर्ज किया गया था। इसके बाद उसको गिरफ्तार कर न्यायिक अभिरक्षा में जेल भी भेजा गया। तीनो अभियोगों में बाद विवेचना आरोप पत्र कोर्ट में प्रषित किया गया है।अवगत कराते चलें कि इसके अलावा महिला के खिलाफ 2017 से कई बार शांति भग किए जाने के क्रम में 151/107/116 गिरफ्तार कर चालान करते हुए उसे कोर्ट में पेश किया गया है। महिला पुलिस प्रशासन के ऊपर दबाव बनाए जाने की कोशिश करती रहती है। 7 जून 2018 को विधानसभा के सामने आत्मदाह की धमकी देते हुए उपस्थित हुई थी। जिसे सुलतानपुर की महिला आरक्षी सरोज यादव और उर्मिला यादव मय थाना प्रभारी अमित ने लखनऊ से रात में सुलतानपुर वापस लेकर आए थे।
रिर्पोट – सन्तोष पाण्डेय सुलतानपुर
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