देश में भारत बंद का दिखा मिला जुला असर, 10 घंटे बाद दिल्ली-गाजीपुर बॉर्डर खुला
कृषि कानूनों के विरोध में सोमवार को किसान संगठनों के भारत बंद का राज्यों में मिला-जुला असर देखने को मिला। सुबह 6 बजे से शुरू हुआ बंद करीब 10 घंटे तक चला
कृषि कानूनों के विरोध में सोमवार को किसान संगठनों के भारत बंद का राज्यों में मिला-जुला असर देखने को मिला। सुबह 6 बजे से शुरू हुआ बंद करीब 10 घंटे तक चला. किसानों का कहना है कि पंजाब, हरियाणा पश्चिमि यूपी समेत देश के कई राज्यों में बंद सफल रहा है. लेकिन अगर बिहार, उत्तराखंड और मध्य प्रदेश की बात जाए तो यहां पर बंद का मिला-जुला असर देखने को मिला. उत्तराखंड में बंद का काफी असर देखा गया. तो वहीं मध्य प्रदेश में कई जिलों में हालात सामान्य रहे.
विभिन्न जगहों पर प्रदर्शनकारियों ने राजमार्गों और प्रमुख सड़कों को बंद कर दिया। कई स्थानों पर किसान रेल की पटरियों पर भी बैठ गए जिससे रेल यातायात प्रभावित हुआ। हालांकि देश का ज्यादा हिस्सा इससे प्रभावित नहीं दिखा, उत्तर भारत में ट्रेनों के रद्द होने या देरी से चलने ,यातायात जाम के कारण लोगों को काफी दिक्कत हुई।
बंद का अधिकतर असर गुड़गांव, गाजियाबाद और नोएडा सहित दिल्ली-एनसीआर क्षेत्रों में दिखा, जहां से रोजाना हजारों लोग कामकाज के सिलसिले में सीमा पार करते हैं।
बता दें कि सयुंक्त किसान मोर्चा की अगुवाई में 27 सितंबर को भारत बंद करने का ऐलान किया गया था। जिसको लेकर अनेकों जगह किसानों ने रोड को जाम कर धरना प्रदर्शन करते हुए तीनों काले कानून को वापस लेने की मांग की है। देश के विभिन्न हिस्सों, विशेष रूप से पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान, पिछले साल नवंबर से दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शनकारी केन्द्र के तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग कर रहे हैं। किसानों को भय है कि इससे न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी प्रणाली खत्म हो जाएगी। हालांकि सरकार इन कानूनों को प्रमुख कृषि सुधारों के रूप में पेश कर रही है। दोनों पक्षों के बीच 10 दौर से अधिक की बातचीत हो चुकी है, लेकिन सभी बेनतीजा रहीं।
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