यूपी के रण में कहीं सपा को न मिले ‘जाटों का प्यार’, बीजेपी की बढ़ गई टेंशन

पश्चिम में जाट और मुस्लिम बिरादरी के 44 प्रतिशत वोटर्स हैं। ये दोनों सपा-रालोद गठबंधन को वोट करते हैं तो बीजेपी का सत्ता में बने रहने का सपना, सपना ही हो जाएगा। बीजेपी ने 17, रालोद ने 10, सपा ने 5 और बसपा ने 10 जाट उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है।

लखनऊ : यूपी विधानसभा चुनाव के प्रथम चरण के लिए 10 फरवरी को वोट डाला जाएगा। इस चरण में पश्चिम की 58 सीट शामिल है। इन सभी सीटों पर जाट बिरादरी की अच्छी पकड़ है ऐसे में सभी दल उनपर नजर जमाए हैं। जाट नेताओं को मनाने रिझाने में लगे हैं। गृहमंत्री अमित शाह जाट बिरादरी को मनाने में लगे हैं। रालोद को प्रस्ताव भी दिया है। आपको बता दें, अजित सिंह की मौत के बाद सभी दलों को ऐसा लगने लगा है कि जाट बिरादरी में जयंत चौधरी के पक्ष में सहानुभूति है। फिल वक्त रालोद सपा के साथ गठबंधन में है।

पश्चिम में जाट और मुस्लिम बिरादरी के 44 प्रतिशत वोटर्स हैं। ये दोनों सपा-रालोद गठबंधन को वोट करते हैं तो बीजेपी का सत्ता में बने रहने का सपना, सपना ही हो जाएगा। बीजेपी ने 17, रालोद ने 10, सपा ने 5 और बसपा ने 10 जाट उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है।

मुजफ्फरनगर दंगे और बीजेपी की विजय

दंगे हुए मुस्लिम जाट अलग हो गए, रही सही कसर मोदी लहर ने पश्चिम में पूरी कर दी और बीजेपी को 136 में से 109 सीटों पर विजय हासिल हुई थी। अब इस चुनाव में जहां जाट बीजेपी से नाराज है, वहीं मुसलमान भी कुछ खुश नहीं नजर आ रहे। लेकिन बीजेपी चाहती है कि दोनों साथ ना आए।

वैसे आपको बता दें कि जिस तरह से बीजेपी ने रालोद को प्रस्ताव दिया वैसे मीडिया के जरिए प्रस्ताव नहीं दिए जाते। ये सिर्फ रणनीति थी जिसके जरिए जाट बिरादरी को संदेश दिया जाए कि जयंत नहीं सपा उसकी राजनैतिक दुश्मन है। बीजेपी ने 17 जाट उम्मीदवारों को चुनावी मैदान में उतारा है।

किसान आंदोलन, गन्ना मूल्य भुगतान, गन्ना मूल्य में औसत बढ़ोतरी के कारण जाट बीजेपी से नाराज हैं अब देखना ये होगा कि वो इस सबके बाद बीजेपी के साथ आते हैं या नहीं।

 

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