इसीलिए मनाया जाता है भैया दूज का पर्व, जानिए ये बातें…

रक्षाबंधन त्योहार की ही तरह भाई दूज पर्व कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है। इसे यम द्वितीया भी कहा जाता है।

रक्षाबंधन त्योहार की ही तरह भाई दूज पर्व कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है। इसे यम द्वितीया भी कहा जाता है। भाई दूज का पर्व भाई बहन के रिश्ते पर आधारित पर्व है, भाई दूज दीपावली के दो दिन बाद आने वाला एक ऐसा त्यौहार है, जो भाई के प्रति बहन के अगाध प्रेम और स्नेह को अभिव्यक्त करता है। इस दिन बहनें अपने भाईयों की खुशहाली की कामना करती हैं।

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इसीलिए मनाया जाता है भैया दूज

पौराणिक मान्यता के मुताबिक यमराज को उनकी बहन यमुना ने कई बार मिलने के लिए बुलाया। लेकिन यम जा ही नहीं पाते थे। एक दिन वो अपनी बहन के घर उनसे मिलने पहुंचे, तो बहन यमुना की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। उन्होंने यमराज को बड़े ही प्यार व आदर से भोजन कराया और तिलक लगाकर उनकी खुशहाली की कामना की। खुश होकर यमराज ने बहन यमुना से वरदान मांगने को कहा – तब यमुना ने मांगा कि इस तरह ही आप हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया मेरे घर आया करो। वहीं इस दिन जो भी भाई अपनी बहन के घर जाएगा और उनके घर में भोजन करेगा व बहन से तिलक करवाएगा तो उसे यम व अकाल मृत्यु का भय नहीं होगा। तब यमराज ने उनके वरदान को पूरा किया। और तभी से इस दिन भैया दूज मनाने की परंपरा की शुरुआत हुई।

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