तालिबान के बढ़ते वर्चस्प को देखते हुए, बाकि देशों ने अफगानिस्तान को लेकर लिया ये बड़ा फैसला

तालिबान ने कुछ ही समय में उत्तर अफगानिस्तान के इलाकों को जीतकर अपना परचम वहां पे फेरा दिया है।

भारत के पड़ोसी देश अफगानिस्तान में फ़िलहाल कुछ भी सही होता हुआ नहीं दिख रहा है। अमेरिकी बलों के वहां से जाने के बाद तालिबान एक बार फिर से अफगानिस्तान में अपने पैर पसारने लगा है। जिसके चलते बाकि देश अपने-अपने यहां के वाणिज्यिक दूतावासों को बंद करने का विचार कर रहे है। तालिबान का आतंक इस तरह वहां के लोगो में बसा हुआ है कि अफगानिस्तान के सुरक्षाबल उनके डर से ताजिकिस्तान भाग खड़े हुए है।

तालिबान ने कुछ ही समय में उत्तर अफगानिस्तान के इलाकों को जीतकर अपना परचम वहां पे फेरा दिया है। तालिबान के डर के चलते ताजिकिस्तान के राष्ट्रपति इमोमाली रखमोन ने अपने देश से लगने वाली अफगानिस्तान की सीमा पे 20 हजार आरक्षित सैनिकों को भेजने का आदेश दिया है। उत्तरी अफगानिस्तान के कई जिलों ने तालिबान के सामने बिना किसी संघर्ष के हथियार डाल दिए है। जिसके चलते तालिबान का अभियान और भी ज्यादा आसान होता जा रहा है।

भारत और पाकिस्तान ने वाणिज्य दूतावास की सेवाएं करी सिमित

अफगानिस्तान में तालिबान के बढ़ते कदमों को देखते हुए बल्ख प्रांत के प्रांतीय गवर्नर के प्रवक्ता मुनीर फरहाद ने बताया कि भारत, पाकिस्तान, उज्बेकिस्तान, और ताजिकिस्तान के वाणिज्य दूतावासों ने अपनी सेवाएं कम कर दी हैं। इसके साथ ही तुर्की और रूस के वाणिज्य दूतावासों के बंद होने की खबर भी सुनने में आ रही है।

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