आतंकवाद की सर्जरी का दिन: भारतीय सैन्य बलों ने ऐसे लिया था पाक प्रायोजित आतंक का बदला
आज ही के दिन 29 सितम्बर,2016 को भारत ने पीओके पर की थी सर्जिकल स्ट्राइक, लिया था भारतीय जांबाजों पर आतंकी हमले का बदला
सितंबर 2016 में, भारतीय सेना ने पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में आतंकवादी गतिविधियों के खिलाफ आतंकी कैंपों पर सर्जिकल स्ट्राइक की थी। कश्मीर के उरी सेक्टर 2016 में पाकिस्तान ने अपने आतंकियों को भेजकर भारतीय सोते हुए सैन्य बलों के ठिकानों पर एक कायराना आतंकी हमले को अंजाम दिया था। पाक प्रायोजित इस कायराना आतंकी हमले में हमारे 19 जवान शहीद हो गए थे। इस हमले के जवाब में पकिस्तान को करारा जवाब देते हुए हमारे सैन्य बलों ने 28 सितंबर, 2016 को लाइन ऑफ कंट्रोल के दूसरी तरफ स्थित पाक अधिकृत कश्मीर में एक जवाबी सैन्य कार्रवाई को अंजाम दिया। इस कार्रवाई को सर्जिकल स्ट्राइक का नाम दिया गया। तब से, सरकार 29 सितंबर को “सर्जिकल स्ट्राइक दिवस” के रूप में मना रही है।
समाचार एजेंसी एएनआई को दिए एक साक्षात्कार में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सैन्य कार्रवाई के विवरण का खुलासा करते हुए कहा कि सैनिकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए हमले की तारीख दो बार बदली गई थी।
प्रधान मंत्री ने कहा कि सर्जिकल स्ट्राइक की योजना बनाई गई थी क्योंकि उरी में आतंकी हमले में सैनिकों के मारे जाने के बाद उनके साथ-साथ सेना के भीतर भी एक “क्रोध” पैदा हो रहा था।
पीएम मोदी ने यह भी कहा कि उन्होंने सैनिकों को सफलता या विफलता के बारे में नहीं सोचने और “सूर्योदय से पहले” वापस आने का आदेश दिया।
ऐसे सिखाया था आतंकी देश पाकिस्तान को सबक
सितंबर 2016 में, पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादियों ने नियंत्रण रेखा के पास उरी में सेना के शिविर में प्रवेश किया और हमले में सोते हुए 20 सैनिकों को मार दिया।
जवाबी कार्रवाई में, जम्मू-कश्मीर में तैनात पैरा (विशेष बल) इकाइयों की विभिन्न इकाइयों के कमांडो सहित भारतीय सेना के जवानों ने सीमा पार कई ठिकानों पर छापेमारी की। ये सभी ठिकाने सैन्य और नागरिक प्रतिष्ठानों पर हमले करने के लिए जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ करने वाले आतंकवादियों के लिए लॉन्च पैड थे।
सबसे पहले तो आतंकी ठिकानों का पता लगाया गया। आतंकी ठिकानों की स्थिति के सही आंकलन के लिए भारतीय सेना की एक टीम ने इस बात की सटीक जानकारी करके सबसे पहले आतंकियों के ठिकाने को चिन्हित किया। इसके बाद रात में सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया गया। आतंकी कैम्पों पर सर्जिकल स्ट्राइक करने वाले जवानों को इससे पहले हफ़्तों तक प्रशिक्षित किया गया था। ताकि वे ज्यादा से ज्यादा आतंकियों को क्षति पहुंचा सके और कुशलतापूर्वक बिना किसी भारतीय सैनिक के हताहत हुए अधिक से अधिक आतंकियों को 72 हुर्रों के पास भेज सके।
नहीं थी आतंकियों को भनक
आतंकी भारतीय सैन्य बलों के इस रणनीति का आंकलन नहीं कर पाए। उन्हें बिल्कुल इस बात की कोई अपेक्षा नहीं थी। वे भारत के इस अविश्वसनीय कदम की कल्पना भी नहीं कर सकते थे। यही कारण था कि पूरी रात पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में आतंकी ठिकानों पर चल रहे इस सैन्य कार्रवाई की भनक तक आतंकियों को नहीं लगी।
इसके बाद पूर्व सुनियोजित तरीके से भारतीय सैन्य बलों की स्पेशल यूनिट ने एक-एक करके आतंकी कैम्पों में रह रहे सभी आतंकवादियों को मौत के घात उतार दिया। सबसे बड़ी बात यह है कि भारतीय सेना के इस अदम्य पराक्रम के दौरान कोई भी अन्य भारतीय सैनिक हताहत नहीं हुआ। एक सैनिक को मामूली चोट आयी थी। जवाबी कार्रवाई के घटनाक्रम के बाद भारतीय वायुसेना के विमानों ने सभी सैनिकों को पीओके से सुरक्षित बाहर निकाल लिया।
पीएम मोदी ने कहा कि सेना से बात करते हुए, उन्होंने महसूस किया कि भारतीय सैन्य बल अपने शहीद सैनिकों के लिए न्याय चाहते हैं। सरकार ने उन्हें सर्जिकल स्ट्राइक की योजना बनाने और उसे अंजाम देने के लिए “फ्री हैंड” दिया।
सर्जिकल स्ट्राइक का देश के लोगों के साथ-साथ सशस्त्र बलों ने भी स्वागत किया, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि इसने दुनिया को एक स्पष्ट संदेश दिया कि “हम इस तरफ और साथ ही सीमा पार करके आतंकवादियों को मार सकते हैं यदि आवश्यकता उत्पन्न होती है”।
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