सुप्रीमकोर्ट- विकास दुबे केस में बने रहेंगे केएल गुप्ता…आयोग के पुनर्गठन की याचिका ख़ारिज…
Supreme Court Vikas Dubey case:-नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने विकास दुबे एनकाउंटर की जांच के लिए बने आयोग के पुनर्गठन की मांग वाली याचिका खारिज कर दी है.
Supreme Court Vikas Dubey case:-
याचिकाकर्ता घनश्याम उपाध्याय और अनूप अवस्थी ने आयोग के सदस्यों जस्टिस शशिकांत अग्रवाल और पूर्व डीजीपी के एल गुप्ता को हटाने की मांग की थी.
याचिकाकर्ताओ का कहना है कि के एल गुप्ता ने एनकाउंटर के बाद पुलिस को क्लीन चिट देने वाला बयान दिया था.
सुनवाई के दौरान यूपी सरकार के लिए पेश सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने के एल गुप्ता का बयान पढ़ कर सुनाया.
इस पर चीफ जस्टिस ने याचिकाकर्ता से कहा पूर्व डीजीपी के एल गुप्ता का बयान संतुलित था.
उन्होंने भी कहा था कि अगर पुलिस अधिकारी दोषी पाए जाएंगे तो उन्हें ज़रूर सज़ा मिलनी चाहिए. आयोग में सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज बीएस चौहान हैं, एक पूर्व हाईकोर्ट जज हैं.
याचिकाकर्ता को इस तरह उनके ऊपर पूर्वाग्रह का आरोप नहीं लगाना चाहिए. वहीं मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने एक गैंगस्टर को जमानत देने से इनकार कर दिया.
- इस गैंगस्टर पर 13 आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं.
- यहां गौर करने वाली बात यह है कि
- सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) एसए बोबड़े ने कहा कि तुम खतरनाक इंसान हो.
64 आपराधिक मुकदमा दर्ज होने के बाद भी
- कोर्ट ने जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान कहा कि
- हम तुम्हें जमानत पर रिहा नहीं कर सकते हैं.
- देखिए दूसरे केस में क्या हुआ.
- 64 आपराधिक मुकदमा दर्ज होने के बाद भी
- एक शख्स को जमानत दे दिया गया था.
- इसका खामियाजा आज उत्तर प्रदेश भुगत रहा है.
सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता को जमानत पर रिहा करने से इनकार कर दिया
- सुनवाई के दौरान सीजेआई एसए बोबड़ ने कहा कि
- ऐसे व्यक्ति को रिहा करने में खतरे है,
- जिनके खिलाफ कई आपराधिक मामले हैं.
- उन्होंने मामले की सुनवाई के दौरान
- विकास दुबे को सभी मुकदमों में जमानत पर रिहा करने का जिक्र भी किया.
- विकास दुबे के मामले का हवाला देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने
- याचिकाकर्ता को जमानत पर रिहा करने से इनकार कर दिया.
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