इस लकड़ी के टुकड़े को चूसने से होते हैं गजब के फायदे…

बड़े-बुजुर्गों से आमतौर पर किशोरों को यह कहते हुए सुना जाता है कि आवाज को मधुर और सुरीली बनानी है तो मुलेठी खाओ। इसमें और भी गुण हैं जो कि कई बीमारियों से बचने में मदद करते हैं

बड़े-बुजुर्गों से आमतौर पर किशोरों को यह कहते हुए सुना जाता है कि आवाज को मधुर और सुरीली बनानी है तो मुलेठी खाओ। इसमें और भी गुण हैं जो कि कई बीमारियों से बचने में मदद करते हैं। लीकोरिस रूट यानी मुलेठी को मीठी जड़ के रूप में भी जाना जाता है। यह एंटी-ऑक्सीडेंट, एंटीबायोटिक, प्रोटीन, वसा, कैल्शियम, ग्लिसराइजिक एसिड के गुणों से भरपूर होती है। इसका इस्तेमाल घाव के उपचार, दमा, आंखें, मुंह, और गले के रोगों के उपचार के लिए सदियों से किया जा रहा है।

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‘मुलेठी’ का उपयोग आयुर्वेद में श्वसन और पाचन रोग की दवाओं में सबसे ज्यादा किया जाता है। यह एक सूखी लकड़ी की तरह रेशेदार दिखती है। आपको बता दें कि, असल में मुलेठी के पौधे के तने का प्रयोग औषधि के रुप में किया जाता है। इसका सबसे ज्यादा इस्तेमाल मिठाई बनाने, दंतमंजन बनाने में किया जाता है।

वहीं यह पेट के गैस्ट्रिक अल्सर की समस्या के लिए भी असरदार उपाय है। इसका रोज सेवन करने से ऐसी समस्याएं खत्म हो जाती है। मुलेठी में ऐसे से बहुत से गुण होते है जो अनेक बीमारियों में लाभदायक हैं। जबकि इसके चुसने के भी कई तरह के फायदे है, जिसे आप यहां जान सकते हैं!

इससे पहले आपको बता दें कि अगर आप आयुर्वेद के जानकार हैं तो आप इसे जंगल से भी प्राप्त कर सकते हैं, लेकिन अगर आप समान्य व्यक्ति हैं और आप इसकी पहचान नहीं कर सकते तो इसके लिए लिए आप उस दुकान पर जाएं जहां आर्युवैदिक चीजें मिलती है, जहां आप थोढ़े पैसे खर्च कर इसे प्राप्ता कर सकते हैं।

अगर आप लंबे समय से कफ खासी के जकड़न में हैं तो तो आप मुलेठी और काली मिर्च का एक साथ सेवन करें, जिससे खासी के साथ-साथ गले के सूजन से भी राहत मिलता है।

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