बिकरु कांड से जुड़ी बड़ी खबर, STF ने सात लोगों को किया गिरफ्तार, बताया कैसे फरार हुआ था विकास दुबे ?

कानपुर जिले में हुए बिकरु कांड के मामले में एसटीएफ (STF) ने सात लोगों को गिरफ्तार किया है. ये वो लोग हैं जिन्होंने विकास दुबे को फरार होने में मदद की थी.

कानपुर जिले में हुए बिकरु कांड के मामले में एसटीएफ (STF) ने सात लोगों को गिरफ्तार किया है. ये वो लोग हैं जिन्होंने विकास दुबे को फरार होने में मदद की थी. एसटीएफ (STF) ने बिकरू कांड में इस्तेमाल किए गए कई असलहों को भी बरामद किया है. इससे पहले पुलिस ने बिकरु कांड को अंजाम देने वाले 6 लोगों को मुठभेड़ में ढेर कर दिया था. बिकरु कांड में विकास दुबे को पकड़ने गई पुलिस पर विकास दुबे ने हथियारों से लैस अपने साथियों के साथ मिलकर हमला बोल दिया था. जिसमें 8 पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे जबकि गोली लगने से 6 पुलिस वाले घायल हो गए थे.

एसटीएफ (STF) ने मामले की जांच करते हुए सात लोगों को गिरफ्तार किया है और भारी मात्रा में अवैध असलहे भी बरामद किए हैं. बरामद किए गए असलहों में सेमी ऑटोमेटिक रायफल मेड इन अमेरिका, एक 9 एमएम अवैध कारबाईन, एक डीबीबीएल बंदूक, 2 अवैध तमंचे और भारी मात्रा मेम कारतूस भी बरामद की है. इसके साथ ही पुलिस ने विकास दुबे, अमर और प्रभात के मोबाइल फोन भी बरामद किए हैं. एडीजी अमिताभ यश ने जानकारी देते हुए बताया कि, एसटीएफ (STF) की एक टीम लगातार असलहों की बरामदगी के लिए काम कर रही थी.

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एडीजी अमिताभ यश ने बताया कि, इसी दौरान एसटीएफ (STF) को इन हथियारों को बेचने की खबर मिली. ये सभी असलहे मध्य प्रदेश के भिंड के एक गैंग को बेचे जाने वाले थे. पनकी भौती हाईवे पर हथियारों की डील होनी थी, लेकिन उससे पहले ही पुलिस ने इन आरोपियों को गिरफ्तार कर असलहों को बरामद कर लिया.

एडीजी अमिताभ यश ने बताया कि, विकास दुबे घटना के बाद पैदल ही अपने साथी अमर दुबे और प्रभात मिश्रा के साथ शिवली नगीं के पुल पर पहुंचा. जहां से प्रभात ने अपने एक साथी को बुलाया. उसी ने तीन गमछा और पानी मंगवाया और एक गाड़ी दिलाई. इसके बाद तीनों विष्णु के बहनोई के घर तुलसी नगर पहुंचे. यहां पर दो दिन तक छिपे रहे और फिर औरैया होते हुए फरीदाबाद पहुंच गए.

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