लखनऊ: आम आदमी पार्टी की महिला विंग की प्रदेश अध्यक्ष ने रायबरेली, मुरादाबाद और झांसी की घटनाओं पर सरकार को घेरा
प्रदेश में बहन बेटियां कहीं भी सुरक्षित नहीं हैं। उन्हें सुरक्षा मुहैया कराने में नाकाम योगी की पुलिस केस तक नहीं दर्ज कर रही है। हद तो यह है कि खुद पुलिस पर कई जगह बलात्कार और छेड़खानी के आरोप लगे हैं।
प्रदेश में बहन बेटियां कहीं भी सुरक्षित नहीं हैं। उन्हें सुरक्षा मुहैया कराने में नाकाम योगी की पुलिस केस तक नहीं दर्ज कर रही है। हद तो यह है कि खुद पुलिस पर कई जगह बलात्कार और छेड़खानी के आरोप लगे हैं। आम आदमी पार्टी की महिला (Women) विंग की प्रदेश अध्यक्ष नीलम यादव ने रविवार को जारी एक बयान में ये बातें कहीं।
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बलात्कार के मामलों में प्रभावी सुनवाई न होने को लेकर योगी सरकार के खिलाफ जोरदार हमला बोलते हुए नीलम यादव ने रायबरेली में दलित बालिका के साथ दबंगों द्वारा दुष्कर्म कर उसका हाथ तोड़ने की घटना का जिक्र किया। कहा, इस सरकार में दलित बेटियों के खिलाफ अपराधों में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई है। इस मामले में पीड़ित पक्ष शिकायत लेकर थाने पर पहुंचा तो पुलिस ने उन्हें बैरंग लौटा दिया।
झांसी के मऊरानीपुर थाने में मध्य प्रदेश की पीड़िता के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ। कोल्ड ड्रिंक में नशीला पदार्थ पिलाकर सामूहिक दुष्कर्म के आरोपित स्थानीय युवकों के खिलाफ पुलिस ने केस दर्ज न कर के पीड़ित को घटनास्थल मध्य प्रदेश का बताकर वापस भेज दिया।
पीड़ित पक्ष मध्य प्रदेश और झांसी के बीच थाने का चक्कर काट रहा है। नीलम यादव ने कहा कि योगी की पुलिस सिर्फ बलात्कारियों को संरक्षण ही नहीं दे रही बल्कि खुद भी ऐसी घटनाओं को अंजाम दे रही है। ताजा मामला मुरादाबाद में तैनात मेरठ के सिपाही का है। उसने छात्रा को शादी का झांसा देकर दुष्कर्म किया। पीड़ित ने उच्चाधिकारियों से शिकायत की तो आरोपी पुलिस की गाड़ी में बैठकर युवती के परिवार को धमकाने के लिए उसके घर चला गया। नीलम यादव ने इन सभी मामलों में सख्त से सख्त कार्रवाई की मांग की। कहा कि झांसी और रायबरेली में पुलिस ने शीघ्र एफआइआर दर्ज नहीं की तो आम आदमी पार्टी पीड़ितों के पक्ष में संघर्ष करने के लिए मजबूर होगी।
नीलम यादव ने कहा कि बलात्कारियों को संरक्षण देने वाली इस सरकार को जनता आने वाले चुनाव में उखाड़ फेंकेगी। उन्होंने कहा कि महिला (Women) और बेटियों के लिए सुरक्षित माहौल बनाने में पूरी तरह से फेल साबित हुए हैं। बिधनू, बदायूं, हाथरस, कानपुर से लेकर मुख्यमंत्री के शहर गोरखपुर में भी बच्चियों और महिलाओं के साथ जघन्य अपराध हुए हैं। हर जिले में ऐसे ही हालात हैं। दूसरी तरफ योगी सरकार मिशन शक्ति, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ जैसे नारों और कागजी योजनाओं से उत्तर प्रदेश की महिलाओं व बच्चियों को चिढ़ाने का कार्य कर रही है । उत्तर प्रदेश में हर रोज महिलाओं व बच्चियों के अस्मिता के साथ खिलवाड़ हो रहा है। योगी राज में महिलाएं कहीं भी सुरक्षित नहीं हैं।
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