लखनऊ : राज्य सरकार को अन्य प्रदेशों की तरह उत्तर प्रदेश में भी अधिवक्ता क्लर्क वेलफेयर फण्ड ऐक्ट बनाने में देर नहीं करनी चाहिए- सपा प्रमुख अखिलेश यादव
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि अधिवक्ता क्लर्क न्याय व्यवस्था के अभिन्न अंग हैं किन्तु बीमारी, चोट, आर्थिक संकट और वृद्धावस्था में उसे कोई सुरक्षा नहीं मिलती है। कोरोना संकट के दौर में जब प्रदेश में लाॅकडाउन लागू हुआ तो अधिवक्ता, क्लर्क बुरी तरह प्रभावित हुए।
स्थायी आय न होने से वे आज भी आर्थिक परेशानियों से गुजर रहे हें। बच्चों की शिक्षा रूकी हुई है, बीमार मां-बाप का इलाज भी नहीं करा पा रहे हैं। किराये के मकान में रहने वालों को मकान मालिक खाली कराने की धमकी दे रहे हैं।
देश के कई प्रदेशों में अधिवक्ता क्लर्क वेलफेयर फण्ड ऐक्ट बना है जिससे उन प्रदेशों में हर वकालतनामें में अधिवक्ता क्लर्क वेलफेयर फण्ड स्टाम्प लगाया जाता है जिससे एकत्र धनराशि एक समिति की अनुशंसा पर जरूरतमंद अधिवक्ता क्लर्कों को मृत्यु, बीमारी, आर्थिक विपदा में आर्थिक मदद, बुढ़ापे में पेंशन, मेडिकल क्लेम का लाभ मिलता है। हिमाचल प्रदेश, आंध्र प्रदेश, केरल, तमिलनाडु, ओडिसा, तेलंगाना व झारखण्ड में अधिवक्ता क्लकों को ऐसी सुरक्षा दी गई है।
उत्तर प्रदेश में भी अधिवक्ता क्लर्कों को सामाजिक सुरक्षा दिए जाने के लिए न्यायालय निर्देशित कर चुका है। किन्तु बिना किसी उन्नति के अवसर के निरन्तर कार्यरत लाखों अधिवक्ता क्लर्कों की बेहतरी के लिए अभी तक प्रदेश भाजपा सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया है।
दशकों से असुरक्षा के साथ कार्यरत अधिवक्ता क्लर्कों को भी सम्मान और सुरक्षा के साथ जीवन बिताने का अवसर मिलना चाहिए। राज्य सरकार को अन्य प्रदेशों की तरह उत्तर प्रदेश में भी अधिवक्ता क्लर्क वेलफेयर फण्ड ऐक्ट बनाने में देर नहीं करनी चाहिए।
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