पूर्व प्रधानमंत्री जन नायक चन्द्रशेखर जी की 13वीं पुण्यतिथि पर सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने पुष्प अर्पित कर दी श्रद्धांजलि

पूर्व प्रधानमंत्री जन नायक चन्द्रशेखर जी की 13वीं पुण्यतिथि पर आज समाजवादी पार्टी मुख्यालय, लखनऊ में श्री चन्द्रशेखर जी के चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी गयी। इस अवसर पर नेता प्रतिपक्ष विधान परिषद श्री अहमद हसन, समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव श्री राजेन्द्र चौधरी, प्रदेश अध्यक्ष श्री नरेश उत्तम पटेल तथा एमएलसी श्री एसआरएस यादव उपस्थित थे।
अखिलेश यादव ने कहा कि श्री चन्द्रशेखर सामाजिक गैरबराबरी के विरूद्ध जीवनभर संघर्ष करते रहे। कांग्रेस सांसद रहते हुए भी आपातकाल के विरोध में जेल की यातना सही। 1977 में जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए गए। वह देश के ऐसे प्रधानमंत्री रहे जिनकी संसद से सड़क तक बात गम्भीरता से सुनी जाती थी।
अखिलेश यादव ने कहा कि श्री चन्द्रशेखर लोकतांत्रिक समाजवाद और धर्मनिरपेक्षता के लिए प्रतिबद्ध रहे। वे आचार्य नरेन्द्र देव के विचारों से प्रभावित होकर समाजवादी आंदोलन में सक्रिय हुए। प्रजा सोशलिस्ट पार्टी के साथ उनकी राजनीतिक यात्रा शुरू हुई थी।
अखिलेश यादव ने कहा कि समाजवादी पार्टी आचार्य नरेन्द्र देव, डाॅ0 राममनोहर लोहिया, और लोक नायक जय प्रकाश नारायण के विचारों से जुड़ी हुई है। समाजवादी सरकार बनने पर लोक नायक जेपी, चन्द्रशेखर जी और उनके गृह जनपद के ही समाजवादी नेता छोटे लोहिया श्री जनेश्वर मिश्र की स्मृतियों को स्थायित्व देने का काम किया गया। लोक नायक श्री जय प्रकाश नारायण, श्री चन्द्रशेखर और श्री जनेश्वर मिश्र ये सभी बलिया जनपद के ही थे।
अखिलेश यादव ने बताया कि समाजवादी सरकार में समाजवादी नेताओं की स्मृति को अक्षुण्य रखने के लिए कई कदम उठाए गए। श्री चन्द्रशेखर जी के नाम पर बलिया में स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी की स्थापना की गई तथा गंगा जी पर बलिया से पटना बिहार को जोड़ने वाले पुल जनेश्वर मिश्र सेतु को समाजवादी सरकार में बनाया गया।

लोक नायक जय प्रकाश नारायण जी के नाम पर राजधानी लखनऊ में शानदार जेपी इन्टरनेशनल सेन्टर बनाया गया। डाॅ0 राममनोहर लोहिया आवास योजना शुरू की गई। श्री जनेश्वर मिश्र के नाम पर 400 एकड़ में गोमती नगर में जनेश्वर मिश्र पार्क की स्थापना की गई। जनेश्वर मिश्र ग्रामीण आवास योजना में गांवों को विकसित करने के लिए 40 लाख रूपए की व्यवस्था की गई थी। भाजपा सरकार में समाजवादी पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे से बलिया को भी जोड़ा जाना था। भाजपा ने विकास के कामों को रोक दिया।

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