पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह का 118वां जन्मदिवस किसान दिवस के रूप में मनाएगी समाजवादी पार्टी, जिला स्तर पर होंगे कार्यक्रम
पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह जी का 118वां जन्मदिवस 23 दिसम्बर 2020 को समाजवादी पार्टी किसान दिवस के रूप में मनाएगी। इस अवसर पर पार्टी के सभी जिला कार्यालयों पर भव्य कार्यक्रम आयोजित कर माननीय चौधरी चरण सिंह जी के योगदान पर चर्चा के साथ उनके बताए रास्ते पर चलने का संकल्प लिया जाएगा।
पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह जी का 118वां जन्मदिवस 23 दिसम्बर 2020 को समाजवादी पार्टी(sp) किसान दिवस के रूप में मनाएगी। इस अवसर पर पार्टी के सभी जिला कार्यालयों पर भव्य कार्यक्रम आयोजित कर माननीय चौधरी चरण सिंह जी के योगदान पर चर्चा के साथ उनके बताए रास्ते पर चलने का संकल्प लिया जाएगा।
चौधरी चरण सिंह गांधीवादी विचारक नेता थे। उनकी प्राथमिकता में गांव-गरीब थे। भारत सरकार के वित्तमंत्री के रूप में उन्होंने बजट का 70 प्रतिशत हिस्सा गांव-खेती पर खर्च करने के लिए रखा था। प्रदेश में उन्होंने जमींदारी उन्मूलन विधेयक लाकर किसानों को भूमिधर बनाया था।
आज देश का किसान आंदोलित है। भाजपा सरकार की नीतियां गांव, खेती की उपेक्षा कर कारपोरेट की समर्थक हैं। किसान को अपनी खेती से मालिकाना हक छिन जाने का डर है। अब तक उसे झूठे वादों से भ्रमित किया जाता रहा है। फसल के लागत मूल्य का डेढ़ गुना देने, सन् 2022 तक आय दुगनी करने का वादा करके उसे भुला देना भाजपा का दुहरा चरित्र है। चौधरी साहब किसानों के साथ धोखाधड़ी को अक्षम्य अपराध मानते थे।
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समाजवादी पार्टी(sp) चौधरी चरण सिंह जी के रास्ते पर चलती रही है। अपने मुख्यमंत्रित्वकाल में समाजवादी पार्टी(sp) अखिलेश यादव ने जहां बजट की 75 प्रतिशत राशि गांव-गरीब और खेती के लिए रखी थी वहीं कर्जमाफी, मुफ्त सिंचाई, फसल बीमा तथा पेंशन की सुविधा भी किसानों को दी थी। जिला मुख्यालयों को जोड़ने के लिए फोरलेन सड़कों के साथ मंडियों की स्थापना की गई थी। खाद, बीज, कीटनाशक की उपलब्धता आसान की थी। डेयरी और मत्स्य उद्योग को प्रोत्साहित किया।
आज के माहौल में चौधरी चरण सिंह की प्रासंगिकता के बारे में दो राय नहीं। उनके रास्ते से ही गांव और किसान खुशहाल रह सकता है। चौधरी साहब ने किसान हितों के लिए 1956 के नागपुर के कांग्रेस अधिवेशन में तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू तक का कोआपरेटिव खेती के प्रस्ताव पर विरोध कर दिया था। 23 दिसम्बर 2020 को उनकी जयंती पर हम सबको उनकी विचारधारा को अपनाने और उनके रास्ते पर चलने का प्रण लेना है।
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