इतिहास का वो सबसे छोटा युद्ध जो महज 38 घंटे में ही हो गया था खत्म
मानव जाति की शुरुआत के बाद से इस धरती पर हजारों युद्ध हुए हैं। जिनमें से कई सालों तक लड़े गए।
मानवजाति के शुरुआत से लेकर अभी तक के समय में हज़ारो युद्ध इस धरती पे हो चुके है। जिनमे से कई तो सालों तक लड़े गए। प्रथम विश्व युद्ध और द्वितीय विश्व युद्ध इसका सबसे बड़ा उदहारण है। जोकि चार से छह साल तक चले थे। इसके अलावा भी कई सारे ऐसे युद्ध है जो लंबे समय तक चले है। पर क्या अपने कभी जांजीबार नामक एक जगह को लेकर लड़े गए युद्ध के बारे में सुना है। शायद नहीं सुना होगा, अब आप सोच रहे होंगे कि इस युद्ध में ऐसा क्या खास है। तो हम आपको बता दे कि जांजीबार में हुए इस युद्ध की अवधि मात्र 38 मिनट थी।
जी हाँ आपने बिलकुल सही सुना है। इंग्लैंड और जांजीबार के बीच हुए युद्ध इतिहास के सबसे कम समय तक चलने वाले युद्ध में से एक है। ये पूरा मामला 1890 का है। जब ब्रिटेन और जर्मनी के बीच जांजीबार को लेकर एक संधि पे हस्ताक्षर हुए थे। इस संधि के मुताबिक जांजीबार का पूरा हिस्सा ब्रिटेन के अधिकांश में रहेगा। वही तंजानिया का अधिकांश हिस्सा जर्मनी के पास रहेगा।
ब्रिटेन और जांजीबार हुई लड़ाई की सबसे बड़ी वजह खालिद बिन बर्घाश जिसने धोके से जांजीबार के सुल्तान और अपने मामा हमद बिन थुवैनी को जहर देकर मार दिया और उसके बाद खुद को जांजीबार का नया सुल्तान घोषित कर दिया। खालिद बिन बर्घाश की इस हरकत की वजह से ब्रिटेन बिलकुल भी खुश नहीं था। इसी के चलते अंग्रेजों ने खालिद को सुल्तान पद से हटने का आदेश दिया, लेकिन खालिद ने उनके इस आदेश को अनसुना कर दिया। ऊपर से उसने अपनी और महल की सुरक्षा के लिए चारों तरफ करीब तीन हजार सैनिकों को तैनात कर दिया।
खालिद के इस कदम के बाद इंग्लैंड ने जांजीबार को वापस अपने कब्ज़े में करने के लिए अपनी नौसेना भेजी। 27 अगस्त 1896 की सुबह ब्रिटिश नौसेना ने अपने जहाजों से जांजीबार के महल पर बमबारी शुरू कर दी और उसे नष्ट कर दिया। महज 38 मिनट में ही एक संघर्ष विराम की घोषणा हुई और युद्ध समाप्त हो गया। इसी के चलते इसे इतिहास का सबसे छोटा युद्ध माना जाता है।
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