भगवान शिव की ऐसे करें आराधना, कभी नहीं होगी पैसे की कमी, बीमारियां भी रहेंगी दूर
भगवान भोलेनाथ अपने भक्तों पर हमेशा अपनी कृपा बनाए रखते हैं. कोई भी भक्त सच्चे मन से अगर महादेव को याद करता है तो उसकी मदद के लिए वो दौड़े चले आते हैं. अपने किसी भी भक्त को कभी मुसीबत मं नहीं देख सकते हैं.
भगवान भोलेनाथ अपने भक्तों पर हमेशा अपनी कृपा बनाए रखते हैं. कोई भी भक्त सच्चे मन से अगर महादेव को याद करता है तो उसकी मदद के लिए वो दौड़े चले आते हैं. अपने किसी भी भक्त को कभी मुसीबत मं नहीं देख सकते हैं. देवों के देव महादेव जब भी जरुरत पड़ी तो इस सृष्टि को बचाने के लिए सबसे आगे आए. मंथन के दौरान निकलने वाले विष को पीकर उन्होंने सारे ब्रह्मांड की रक्षा की थी. भगवान शिव की आराधना करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
शिवपुराण में एक ऐसा शास्त्र है, जिसमें शिवजी और सृष्टि के निर्माण से जुड़ी रहस्यमयी बातें बताई गई हैं। इस पुराण में कई चमत्कारी उपाय भी बताए गए हैं, जो हमारे जीवन की धन संबंधी समस्याएं को तो खत्म करते हैं। साथ ही, अक्षय पुण्य भी प्रदान करते हैं। इन उपायों से पिछले पापों का नाश होता है और भविष्य सुखद बनता है।
करें ये उपाय
– संतान प्राप्ति के लिए कच्चे दूध से अभिषेक करें
– निरोग रहने के लिए जल धारा से अभिषेक करें
– बुद्धिमान बनने के लिए शक्कर मिश्रित दूध से अभिषेक करें
– शत्रु पर विजय प्राप्त करने के लिए सरसों के तेल से अभिषेक करें
– आजीवन आरोग्यता के लिए देसी घी से अभिषेक करें
– सभी मनोकामना की पूर्ति के लिए दूध से अभिषेक करें
ये होंगे फायदे
सावन के महीने में भगवान शिव की उपासना से वे अतिशीघ्र प्रसंन्न होते हैं. आपको सभी परेशानियों से निकालने की शक्ति भोलेनाथ रखते है. भोलेनाथ को जपने से समाज में आपका मान बढेगा. सभी लोग आपका सम्मान करेंगे. विरोधी आपको परेशान नहीं करेंगे. समाज में आपका कद बढेगा. आपके जीवन में शांति बनी रहेगी. आपका मन स्थिर रहेगा। व्यर्थ की चिंता से मुक्ति मिलेगी.
महामृत्यंजय मंत्र का करें जाप
यदि भगवान् शंकर के महामृत्युंजय मंत्र की उपासना की जाये तो भगवान् शंकर अति प्रसन्न होते है. तथा जीवन के समस्त कष्टों को हर लेते है. सुबह उठाते ही यदि महामृत्युंजय मंत्र का जप कम से कम 5 बार कर लिया जाये तो अति उत्तम रहता है. इसके आलावा पूजा पथ के समय भी महामृत्युंजय मत्र जप सकते है. इस मंत्र की माला भी जप सकते है.
ॐ त्रयम्बकं यजामहे सुगंधिम पुष्टिवर्धनम.
उर्वारुकमिव बन्धनान म्रत्योर्मुक्षीय माम्रतात.
यह भी होंगे फायदे
सहयोगी आपकी बात मानेंगे
संतान आपसे प्रेम करेगी
माता-पिता का आशीर्वाद रहेगा
अच्छे काम करने की प्रवृत्ति बढेगी
सामाजिक सम्मान वाला पद मिलेगा
समय अच्छा बना रहता है
विपदा तत्काल भाग जाती है
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