दिन में तीन बार रंग बदलता है शिवलिंग, मिलता है मनचाहा वर

भारत में देवी-देवताओं के कई मंदिर हैं, जिनकी लोगों के बीच अटूट आस्था और आस्था है। पृथ्वी पर भगवान शंकर के कई दिव्य स्थान हैं जहां आज भी वे अपने भक्तों को दर्शन देते हैं ।

भारत में देवी-देवताओं के कई मंदिर हैं, जिनकी लोगों के बीच अटूट आस्था और आस्था है। पृथ्वी पर भगवान शंकर के कई दिव्य स्थान हैं जहां आज भी वे अपने भक्तों को दर्शन देते हैं और उनकी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। राजस्थान में भगवान शंकर का एक ऐसा ही दिव्य मंदिर है जिसे लोग अचलेश्वर महादेव के नाम से जानते हैं। इस मंदिर में स्थापित शिवलिंग के पीछे एक रहस्य है। जो आज हम आपको बताएंगे आप देख रहे द यूपी खबर तो चलिए शुरू करते है।

राजस्थान के धौलपुर में चंबल नदी के बीहड़ों में मौजूद प्राचीन महादेव मंदिर के बारे में कई मान्यताएं जुड़ी हैं।  भक्तों की मानें तो यह मंदिर करीब हजार वर्ष पुराना है।  बीहड़ में डकैतों की वजह से लोग यहां बेहद कम आते थे।  लेकिन जैसे-जैसे स्थितियां बदलने लगी वैसे वैसे दूर-दूर से लोग यहां भगवान शिव के दर्शन करने आने लगे।  यहां की धार्मिक मान्यताओं के अलावा एक और चौंकाने वाली बात है।  ये शिवलिंग दिन में तीन बार रंग बदलता है। जी हा सही सुना अपने राजस्थान के धौलपुर स्थित में भगवान शंकर का एक ऐसा मंदिर है जिसमे स्थापित शिवलिंग दिन में तीन बार यानि सुबह, शाम और दोपहर के समय रंग बदलता है। भगवान शंकर के इस मंदिर में भगवान शिव के अंगूठे की पूजा की जाती है और मान्यता है यहां पर भगवान शिव अंगूठे के रूप में विराजमान हैं।

भगवान शंकर का यह मंदिर बहुत ही प्राचीन है और यहां भगवान शंकर के पैर के अंगूठे की पूजा करने की बहुत ही गहरी आस्था है। इस शिवलिंग का रंग सुबह के समय लाल, दोपहर के समय केसरिया और सांय काल सांवला हो जाता है। इस मंदिर में शिवलिंग के ऊपर एक उभरा हुआ निशान है जिसके पीछे मान्यता है कि यह निशान भगवान शंकर के अंगूठे का है और उनकी इस रूप की पूजा सौभाग्य प्रदान करती है।

शिवलिंग के बारे में एक बात बहुत ही प्रसिद्ध है जो आज तक कोई पता नहीं लगा पाया कि यह शिवलिंग कहां जाकर समाप्त होता है। एक समय इसकी खुदाई की गई लेकिन उसके बाद भी इसकी गहराई का पता नहीं लग पाया।

मंदिर में जाकर भगवान शंकर के दर्शन करने के पीछे मान्यता है कि यहां आकर लोग भगवान से अपने जीवन, व्यापार- नौकरी, विवाह एवं अन्य परिवार संबंधि समस्याओं को खत्म करने का आशीर्वाद मांगते हैं। कहते है की मंदिर में सच्चे मन से भगवान शिव की उपासना करने से सबके मन की इच्छाएं पूरी होती हैं और जीवन की परेशानियों का अंत होता है। मंदिर में शिवलिंग के रंग बदलने के पीछे क्या रहस्य है इसका आज तक कोई भी ठोस कारण पता ही नहीं लग पाया है।

Related Articles

Back to top button