370 और 35A पर फारूक अब्दुल्ला को शिवसेना ने दिया करारा जवाब, राउत बोले…

नेशनल कॉफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला आएदिन 370 और 35A को लेकर विवादित बयान देते नजर आते हैं. उनके इन्हीं बयानों पर पलटवार करते हुए शिवसेना ने फारूक अब्दुल्ला को पाकिस्तान जाकर वहां पर 370 लागू करने की नसीहत दे डाली.

नेशनल कॉफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला आएदिन 370 और 35A को लेकर विवादित बयान देते नजर आते हैं. उनके इन्हीं बयानों पर पलटवार करते हुए शिवसेना ने फारूक अब्दुल्ला को पाकिस्तान जाकर वहां पर 370 लागू करने की नसीहत दे डाली. शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि, फारूक अब्दुल्ला पाकिस्तान जाकर अनुच्छेद 370 लागू करें…भारत में अनुच्छेद 370 और 35 ए के लिए कोई जगह नहीं है.

नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने अनुच्छेद 370 हटने के बाद पहली बार अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को संबोधित किया और कहा कि अपने लोगों के अधिकार बहाल होने तक नहीं मरूंगा.

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पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि पूर्ववर्ती राज्य के लोगों का संवैधानिक अधिकार बहाल होने तक वह नहीं मरेंगे. नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष ने भाजपा को उनके सवालों का जवाब देने की चुनौती दी और भगवा दल पर ‘‘देश को गुमराह करने” और जम्मू कश्मीर के साथ साथ लद्दाख के लोगों से ‘‘झूठे वादे” करने के आरोप लगाए.

मैं भाजपा से नहीं डरता, मैंने कोई लाठी या पत्थर नहीं ले रखे हैं

जम्मू-कश्मीर की भाजपा इकाई पर निशाना साधते हुए अब्दुल्ला ने कहा कि उनका पुतला फूंकने वालों को याद रखना चाहिए कि वह फारूक अब्दुल्ला ही थे जिन्होंने जिनेवा में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के साथ भारत को प्रस्तुत किया था और विरोधियों को चुप करा दिया था. उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि उनकी पार्टी धर्म और प्रांत के आधार पर कभी निर्णय नहीं लेती. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि मैं भाजपा से नहीं डरता. मैंने कोई लाठी या पत्थर नहीं ले रखे हैं. उन्हें मेरे सामने आने दीजिए और मेरे सवालों का जवाब देने दीजिए, जो कि वे नहीं करेंगे.

काले कानूनों को समाप्त करने के लिए दलों ने हाथ मिलाए हैं

अब्दुल्ला ने कहा कि हमने कभी नहीं सोचा था कि जम्मू, लद्दाख और कश्मीर को एक दूसरे से अलग कर दिया जाएगा. हालात के कारण हम पीएजीडी के गठन के समय इन क्षेत्रों के लोगों को शामिल नहीं कर पाए और अब यहां आए हैं. उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370, अनुच्छेद 35 ए को फिर से बहाल करने तथा ‘‘काले कानूनों” को समाप्त करने के लिए दलों ने हाथ मिलाए हैं

 

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