शरिया काउंसिल ने खड़े किए कोविड वैक्सीन पर सवाल, हलाल-हराम के बीच फंसी कोरोना की दवा
देश दुनिया में तबाही मचाने वाले कोरोना वायरस की अब भारत में दवा बनकर तैयार हो चुकी है,,जिसको लेकर आम से लेकर खास सभी प्रकार के लोगों ने राहत भरी सांस ली है
covid vaccine Halal-Haram: देश दुनिया में तबाही मचाने वाले कोरोना वायरस की अब भारत में दवा बनकर तैयार हो चुकी है,,जिसको लेकर आम से लेकर खास सभी प्रकार के लोगों ने राहत भरी सांस ली है,लेकिन जमात ए इस्लामी दिल्ली के शरिया काउंसिल के सचिव ने इस कोरोना की दवा को लेकर एक बयान जारी कर दिया है।
जिसमें उन्होंने देश के मुसलमानों से हराम कोरोना वैक्सीन नहीं लगवाने के लिए कहा है। उनके अनुसार जब तक देश में बिना हराम जानवर के बनी दवा नहीं आ जाती तब एक देश के मुसलमानों को इंतज़ार करना चाहिए।
कोरोना वायरस की दवा से इतर रखा हुआ है…
अगर ज़्यादा ही ज़रूरी है तो ही इस दवा का उपयोग मुसलमानों को करना चाहिए। एक ओर जहाँ सऊदी अरब शासन ने हलाल हराम को कोरोना वायरस की दवा से इतर रखा हुआ है तो वहीं अपने देश में इस प्रकार के फ़तवे व बयान निश्चित ही देश में भ्रामक स्थिति पैदा करते हैं।
डॉ०रियाजुल इस्लाम नदवी द्वारा दिए गए बयान में कहा गया है कि सरकार हर किसी को जबरन वैक्सीन लगवाने के लिए मजबूर नहीं कर सकती है,,जो चाहे इसको लगवाए जो चाहे इसको न लगवाए सरकार की ओर से किसी को मजबूर नहीं किया जा सकता है.
मुसलमान खाने से लेकर दवा में क्या क्या इस्तेमाल कर सकते हैं…
शरिया काउंसिल के सचिव ने कहा कि हमने देश के मुसलमानों को ये बताया है कि कोरोना वैक्सीन का इस्तेमाल वह कैसे कर सकते हैं,,कुरआन व हदीसों में साफ बताया गया है कि मुसलमान खाने से लेकर दवा में क्या क्या इस्तेमाल कर सकते हैं और क्या क्या नहीं कर सकते हैं।
आम हालातों में इस्लाम धर्म ये कहता है कि हराम चीज़ खाना,पीना सब सख़्त मना है। इसलिए हराम है,लेकिन इंसानी जान बचाने के लिए किसी भी हराम चीज़ का इस्तेमाल जायज़ हो जाता है।
उस वैक्सीन को इस्तेमाल किया जाना चाहिए
कोरोना वैक्सीन को लेकर ये सुनने में आ रहा है कि उसमें सूकर के कुछ पार्ट मिलाए गए हैं। इसलिए हम यही कहेंगे कि जिस वैक्सीन में हराम चीज़ शामिल नहीं है उस वैक्सीन को इस्तेमाल किया जाना चाहिए। जब तक ऐसी कोई वैक्सीन नहीं आ जाती।
जिसमें हराम चीज़ शामिल नहीं हैं ऐसा में इंसानी जान बचाने के लिए उसका इस्तेमाल किया जा सकता है, लेकिन मार्किट में कई दवाई मौजूद हैं बावजूद इसके उसी दवाई का प्रयोग किया जा रहा है जिसमें हराम चीज़ें शामिल हैं ये सही नहीं है।
रिपोर्ट – ख़ालिक़ अंसारी, जिला अलीगढ़
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