किसान आंदोलन को लेकर शरद पवार और सीताराम येचुरी के बीच हुई बैठक, दिए ये बड़े संकेत…

कृषि कानून केविरोध में प्रदर्शन कर रहे किसानों का आज 33वां दिन है. एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार और सीताराम येचुरी के बीच सोमवार को मुलाकात हुई.

कृषि कानून के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसानों का आज 33वां दिन है. एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार(SHARAD PAWAR) और सीताराम येचुरी के बीच सोमवार को मुलाकात हुई. जानकारी के मुताबिक पवार(SHARAD PAWAR) और येचुरी नेताओं के बीच इस दौरान किसान आंदोलन को लेकर चर्चा हुई. शरद पवार(SHARAD PAWAR) ने संकेत दिए हैं कि 30 दिसंबर तक अगर कोई नतीजा नहीं निकला तो आगे की रणनीति तय करेंगे.

सरकार की तरफ से तमाम कोशिशों के बाद भी किसान मानने को तैयार नहीं हैं. उनका कहना है कि, ये प्रदर्शन सिर्फ कानून वापसी पर ही रूकेगा. इससे पहले कोई गुंजाइश नहीं है. वहीं केंद्र सरकार की तरफ से प्रस्ताव मिलने के बाद हुई किसानों की बैठक और फिर 29 दिसंबर को बैठक के लिए सरकार को समय देने के बाद अब सरकार ने कहा है कि, किसानों के साथ 30 दिसंबर को बैठक की जाएगी. इसके लिए सरकार की तरफ से किसान संगठनों को जानकारी दी गई है. सरकार और किसान संगठनों के बीच ये बैठक 30 दिसंबर को दोपहर 2 बजे के करीब होगी. ये बैठक विज्ञान भवन में आयोजित की जाएगी.

बता दें कि इससे पहले सरकार और किसानों के साथ 6 दौर की बैठक हो चुकी है लेकिन कोई भी नतीजा सामने नहीं आया और किसानों ने सरकार की तरफ से रखी गईं सभी बातों को सिरे से खारिज कर दिया. किसानों का कहना है कि, तीनों कानून की वापसी पर ही उनका आंदोलन रूकेगा. इसके पहले कोई भी गुंजाइश नहीं है. वहीं सरकार की तरफ से मिले प्रस्ताव के बाद किसानों ने सरकार के सामने शर्त रखी है.

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किसानों की तरफ से रखी गई शर्तों में कहा गया है कि,

सरकार तीनों कृषि कानूनों को रद्द करे.
दूसरी शर्त है कि, सरकार एमएसपी की कानूनी गारंटी दे.
तीसरी शर्त में कहा गया है कि, बिजली बिल ड्राफ्ट में बदलाव की मांग.
चौथी शर्त है कि, पराली जलाने वाले कानून से किसानों को बाहर रखा जाए.

सरकार की तरफ से किसानों की जारी चिट्ठी में कहा गया है, “इस बैठक में आपके द्वारा प्रेषित विवरण के परिपेक्ष्य में तीनों कृषि कानूनों एवं एमएसपी की खरीद व्यवस्था के साथ राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए आयोग अध्यादेश 2020 एवं विद्युत संशोधन विधेयक 2020 में किसानों से संबंधित मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की जाएगी.”

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