शर्मनाक :- कानपुर पुलिस की लापरवाही ने सूना किया एक माँ आँचल और छीन लिया एक बहन से उसका भाई
कानपुर- अपहरण और हत्याकांड से जुड़ी खबर
- संजीत के घर के पास ही रुके थे अपहरणकर्ता
- संजीत के घर से डेढ़ किमी की दूरी पर रुके थे
- पुलिस का सर्विलांस सिस्टम नकारा साबित
- घर के पास ही खुलेआम घूमते रहे हत्यारे
- एसपी साऊथ,बर्रा इंस्पेक्टर ने की लापरवाही
- घर से थोड़ी दूर पर बंधक बना रहा सुजीत
- पुलिस सक्रियता दिखाती तो जिंदा होता सुजीत!
- बहन से हत्यारों ने छीन लिया इकलौता भाई
Sanjit murdered कानपुर. कानपुर के बर्रा से 22 जून को लैब टेक्नीशियन संजीत यादव का अपहरण फिरौती के लिए उसके दोस्त ने साथियों के साथ मिलकर किया था। 26 जून को उसकी हत्या कर लाश पांडु नदी में फेंक दी थी।
इसके बाद पुलिस को चकमा देकर 13 जुलाई को 30 लाख की फिरौती भी वसूल ली थी। बृहस्पतिवार रात पुलिस ने मामले का खुलासा करते हुए दोस्त कुलदीप, रामबाबू समेत चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया है।
कानपुर में पुलिस सिस्टम हुआ बर्बाद
- कानपुर में कानून व्यवस्था नष्ट.
- पुलिस सिस्टम हुआ बर्बाद.
- 22 जून को अपहृत युवक की अपहरणकर्ताओं ने हत्या कर दी.
- पुलिस की घोर लापरवाही से कानपुर में फिर बहुत बड़ी घटना.
- पुलिस के निकम्मेपन की पराकाष्ठा से फिर दहला कानपुर.
यह घटना चीख चीख कर कह रही है,एनकाउंटर और फ़र्ज़ी आंकड़ों की हवाबाज़ी का जुलूस निकल गया है .
कानपुर अपडेट…
कब क्या हुआ
22 जून की रात हॉस्पिटल से घर आने के दौरान संजीत का अपहरण हुआ।
23 जून को परिजनों ने जनता नगर चौकी में उसकी गुमशुदगी की तहरीर दी.
26 जून को एसएसपी के आदेश पर राहुल यादव के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज हुई.
29 जून को अपहरणकर्ता ने संजीत के परिजनों को 30 लाख की फिरौती के लिए फोन किया.
5 जुलाई को परिजनों ने शास्त्री चौक पर जाम लगाकर पुलिस पर कार्रवाई न करने का आरोप लगाया.
12 जुलाई को एसपी साउथ कार्यालय में इस बाबत दोबारा प्रार्थना पत्र दिया गया.
13 जुलाई को परिजनों ने फिरौती की रकम 30 लाख से भरा बैग गुजैनी पुल से नीचे फेंक दिया, लेकिन फिर भी संजीत नहीं आया.
14 जुलाई को परिजनों ने एसएसपी और आईजी रेंज से शिकायत की, जिसके बाद संजीत को 4 दिन में बरामद करने का भरोसा दिया गया.
16 जुलाई को बर्रा इंस्पेक्टर रंजीत राय को सस्पेंड कर सर्विलांस सेल प्रभारी हरमीत सिंह को चार्ज दे दिया गया।।
22 जुलाई को सुबह पुलिस ने संजीत के एक अन्य दोस्त को उठाया 23 जुलाई को छोड़ दिया।
23 जुलाई को परिवार से शाम तक मामले का खुलासा करने का दिया आवासन
गुरुवार की रात होने के बाद पीड़ित परिवार को गुमराह करती रही पुलिस
23 जुलाई को मीडिया के द्वारा संजीत की हत्या की खबर सोसल मीडिया पर चलने के बाद पुलिस ने संजीत की हत्या की बात को कई घंटों तक घुमाया
देर रात एसएसपी दिनेश कुमार प्रभु ने घटना की सभी को वीडियो के जरिये संजीत की हत्या की दी जानकारी।
कानपुर संजीत अपहरण और हत्याकांड : सीएम योगी ने त्वरित एक्शन लेते हुए IPS अपर्णा गुप्ता समेत चार पुलिस अफसरों को किया सस्पेंड-
Sanjit kidnapping & murder कानपुर : कानपुर में संजीत यादव अपहरण और हत्याकांड मामलें में योगी सरकार ने बड़ी कार्यवाही करते हुए आईपीएस अफसर अपर्णा गुप्ता, तत्कालीन डिप्टी SP मनोज गुप्ता समेत 4 अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया है।
- आपको बता दें कि करीब एक महीनें पहले अपहृत पैथोलॉजी कर्मी संजीत यादव की दोस्तों ने ही हत्या कर दी और शव को पांडु नदी में फेंक दिया।
- गुरुवार रात पुलिस ने दो दोस्तों समेत चार युवकों और एक युवती को हिरासत में लिया है।
- पूछताछ में आरोपितों ने 26 जून को ही हत्या करके शव पांडु नदी में बहाया जाना कबूल किया है।
- वारदात को फिरौती की रकम के लिए अंजाम दिया गया।
- इस घटना के बाद एक बार फिर से कानपुर पुलिस पर सवालिया निशान खड़े होनें लगे।
- संजीत यादव की बहन का आरोप है कि थानेदार से लेकर पुलिस अफसर तक सभी भाई की मौत के जिम्मेदार हैं.
- वहीं, पुलिस के मुताबिक अपहरण की साजिश में संजीत के ही कुछ दोस्त शामिल थे.
Sanjit kidnapping & murder पुलिस ने कुछ आरोपियों को गिरफ्तार कर मीडिया के सामने पेश किया.
- दो आरोपी महिलाओं में से भी एक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया.
- पुलिस के अनुसार, संजीत यादव के भागने की कोशिश के कारण आरोपियों ने उसकी हत्या कर दी.
- हालांकि, पुलिस ने फिरौती दिए जाने से इनकार किया है,
- जबकि परिवार का आरोप है कि हमने 30 लाख रुपये की फिरौत दी थी.
- जिसके बाद भी संजीत की हत्या कर दी गई.
पूरे मामले में पुलिस की लापरवाही एकदम साफ नजर आ रही है. मामले की गंभीरता को देखते हुए एसएचओ बर्रा और चौकी इंचार्ज को निलंबित कर दिया गया. इस घटना पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने नाराजगी जताई थी और उन्होंने आईपीएस अफसर समेत चार पुलिस अधिकारियों को निलंबित कर दिया है.
जिसका डर था आखिर वही हुआ-संजीत अपहरण कांड में संजीत की हुई हत्या, SSP ने देर रात अपनी नाकामी का किया खुलासा।
- SSP कानपुर के मुताबिक 26 या 27 को अपहरण करने वाले ने संजीत की हत्या कर दी थी.
- पुलिस ने संजीत के 2 साथियों गिरफ्तार किया है जिन्होंने ये कबूला है.
- मारने के बाद संजीत की लाश को पांडू नदी में फेंक दिया गया जिसकी तलाश की जा रही है.
Sanjit kidnapping case : कानपुर में अपहरण हुए लैब असिस्टेंट की हुई ह्त्या, बहन का आरोप पूर्व थानेदार और एसपी है मेरे भाई की मौत के जिम्मेवार ,पुलिस ने फिरौती का दिलवाया था तीस लाख रुपया लेकिन भाई को नहीं किया बरामद मामले में प्रियंका गांधी से लेकर अखिलेश यादव तक ट्वीट करके पुलिस पर उठा चुके थे सवाल।
- कानपुर में एक बार फिर पुलिस अधिकारियों का नाकारापन सामने आया है।
- 22 जून से अपहरण हुए लैब असिस्टेंट की पुलिस लापरवाही से ह्त्या हो गई।
- पुलिस ने घरवालों से अपहरण कर्ताओ को तीस लाख की फिरौती दिलवा दी लेकिन युवक को फिर भी ज़िंदा नहीं छुड़ा पाए।
गुरूवार की रात पुलिस ने कुछ युवको को पकड़ा।
- तो उनके द्वारा युवक की ह्त्या की कहानी सामने आई.
- युवक के परिजन उसकी ह्त्या की खबर सुनते ही पुलिस पर आग बबूला हो गए।
बहन चिल्ला चिल्लाकर कहती रही की थानेदार चौकी इंचार्ज और एसपी दक्षिण ही मेरे भाई की मौत के जिम्मेवार है।
- कानपुर के बर्रा इलाके में रहने वाले संजीत यादव का 22 जून को अपहरण हो गया था।
- अपहरण करने वाले घरवालों से तीस लाख की फिरौती मांगने लगे।
- परिजनों ने बर्रा पुलिस से लेकर एसपी साउथ अपर्णा गुप्ता को सूचना दी।
- परिजनों का आरोप है की पुलिस संजीत को छुड़ाने के लिए फिरौती देने के लिए हम लोगों से पैसों का इंतजाम करने को भी कहा.
- जिसके बाद परिवार ने घर-जेवर सब गिरवी रख कर तीस लाख इकठ्ठा किये।
- इसके बाद खुद पुलिस ने साथ रहकर फिरौती दिलवा दी।
- लेकिन संजीत को न छुड़वा पाए न अपराधियों को पकड़ पाए।
- इसके बाद एसएसपी दिनेश कुमार से थानेदार रणजीत राय को सस्पेंड करके युवक को जल्द बरामद करने का वादा किया।
- लेकिन पुलिस फिर भी कुछ नहीं कर पाई।
- आखिर आज रात को पुलिस ने कुछ युवको को पकड़ने के बाद घरवालों को सूचना दी की संजीत की ह्त्या कर दी गई है।
Sanjit kidnapping case :
- उसकी बॉडी को पांडव नदी में गोताखोरों से खोजवाया जा रहा है।
- इसके बाद परिजनों ने पुलिस पर लापरवाही के आरोप लगाकर जमकर हंगामा काटा।
- संजीत की बहन रूचि चिल्ला कर आरोप लगाती रही कि मेरे भाई अब नहीं है.
- उसकी मौत के लिए थानेदार रणजीत राय चौकी इंचार्ज और एसपी अपर्णा जिम्मेवार है।
- इन्होने हमसे धोखा किया अब इनको जेल भेजा जाए।
- इस मामले में जब मिडिया में तीस लाख फिरौती पुलिस द्वारा दिलाने की खबरे आई.
- तो इसकी गंभीरता को देखकर प्रियंका गांधी से लेकर पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने भी पुलिस को लेकर ट्वीट किया था।
- अखिलेश गुरूवार को दुबारा ट्वीट करके संजीत की सकुशल वापसी की कामना की थी।
- मगर इससे परे कानपुर पुलिस शुरू से ही इसमें लापरवाही दिखाती रही.
- हैरानी देखिये गुरुवार की रात संजीत की ह्त्या के बाद भी जिले का कोई आला अधिकारी उसके घर पर सांत्वना देने नहीं गया। जबकि कानपुर में एसएसपी,आईजी और एडीजी सब रहते है।
- वैसे एसएसपी दिनेश कुमार ने मिडिया को अपने ग्रुप में वीडियो बयान जारी करके जिम्मेवारी पूरी कर ली है।
- उन्होंने बताया की संजीत के अपहरण में उसके ही कुछ साथियो को पकड़ा गया था।
- इन लोगों ने उसका अपहरण करके 26 या 27 जून को ही ह्त्या कर दी थी।
- फिर 29 जून को फिरौती मांगी गई।
- वही अपहरणकर्ताओं ने बताया कि संजीत की बॉडी को उन्होंने पांडव नदी में फेंक दिया था।
- जिसे गोताखोर लगा कर ढूढा जा रहा है।
इस पूरे मामले में बड़ी ही मासूमियत से एसएसपी साहब ने इलेक्ट्रिक युग का फायदा उठाते हुए संजीत की ह्त्या किये जाने का बयान जारी कर दिया। लेकिन अपनी बेशर्म लापरवाह पुलिस की तरफ से ये कुछ नहीं बताया की जब संजीत की पहले ही ह्त्या हो चूंकि थी.
तो पुलिस ने घर वालो से तीस लाख फिरौती क्यों और किसे दिलवाई।
आखिर इस अपहरण ह्त्या में क्या पुलिस के बड़े अधिकारी जिम्मेवार नहीं है?
जब पूरा मामला उनके संज्ञान में था शायद कानपुर की बेशर्म पुलिस इतनी बेगैरत हो गई है कि उसे न अपनी जिम्मेवारी का अहसास है न जनता की सुरक्षा की ?
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