शाहजहांपुर- क्राइम ब्रांच पुलिस ने फ़र्ज़ी आर्मी भर्ती रैकेट का किया खुलासा

क्राइम ब्रांच पुलिस ने एक ऐसे रैकेट का खुलासा किया है जो सेना में युवकों को भर्ती कराने के लिए फर्जी दस्तावेज तैयार करता था। आशंका व्यक्त की जा रही है की इनके संबंध आई एस आई से हो सकते हैं।

क्राइम ब्रांच पुलिस ने एक ऐसे रैकेट का खुलासा किया है जो सेना में युवकों को भर्ती कराने के लिए फर्जी दस्तावेज तैयार करता था। आशंका व्यक्त की जा रही है की इनके संबंध आई एस आई से हो सकते हैं। क्राइम ब्रांच ने एक पूर्व सैनिक समेत 5 लोगों को गिरफ्तार किया है जिनमें थाने का एक सिपाही भी शामिल है।

पकड़े गए लोगों के पास से बड़ी तादाद में सरकारी अधिकारियों की मुहरे और कई अन्य दस्तावेज बरामद हुए हैं। फिलहाल जिला पुलिस के साथ-साथ सेना की इंटेलिजेंस, आईबी सहित दूसरी खुफिया एजेंसियां भी पकड़े गए लोगों से पूछताछ कर रहीं हैं। पूरे मामले को सेना की सुरक्षा में सेंध करने के मामले से जोड़कर देखा जा रहा है।

शाहजहांपुर में क्राइम ब्रांच की गिरफ्त में खड़े यह पांचो लोग सेना की सुरक्षा में सेंध लगाने के आरोपी है। 5 लोगों का एक ऐसा रैकेट है जो सेना में युवकों को भर्ती कराने के लिए फर्जी दस्तावेज तैयार करता था। पकड़ा गया मेरठ का रहने वाला सुरेश सोम भारतीय सेना का पूर्व सैनिक है जो इस पूरे रैकेट का मास्टरमाइंड है। पुलिस अधिकारियों की माने तो खुफिया इनपुट के बाद पुलिस और क्राइम ब्रांच की टीम ने बंडा थाना क्षेत्र में एक मकान में छापेमारी की।

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जहां मौके से पूर्व सैनिक सुरेश सोम, हुकुम सिंह, परम सिंह, मुकेश कुमार और बंडा थाने का ही सिपाही मनवीर सिंह पकड़े गए। मौके से पुलिस को बड़ी तादाद में पुलिस और प्रशासन के अफसरों की मोहरे बरामद हुई। इसके अलावा बड़ी तादाद में ऐसे दस्तावेज मिले हैं जो सेना में भर्ती करने के लिए युवाओं को बना कर दिए जाते थे।

इस बात की आशंका व्यक्त की जा रही है कि पकड़े लोगों के संबंध आई एस आई और दूसरी देश विरोधी ताकतों से हो सकते हैं। पकड़े गए पांचो लोग अब तक डेढ़ दर्जन से ज्यादा युवकों को फर्जी दस्तावेजों के आधार पर नौकरी दिलवा चुके हैं। जिसे सेना की सुरक्षा में सेंध लगाने से जोड़कर देखा जा रहा है। पकड़े गए लोगों से पूछताछ के लिए मिलिट्री इंटेलिजेंस की टीम आईबी की टीम और दूसरी खुफिया एजेंसी पूछताछ कर रही है। फिलहाल खुफिया विभाग की टीम ने पांचों आरोपियों को रिमांड पर लेने की तैयारी कर रही है।

फर्जी दस्तावेजों के आधार पर युवकों को सेना में भर्ती कराने वाला यह रैकेट पिछले लंबे समय से काम कर रहा था। इस पूरे रैकेट के मास्टरमाइंड सुरेश सोम का कहना है कि वह मेरठ में जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव लड़ना चाहता था। जिसके लिए वह किसी भी हाल में पैसा इकट्ठा करना चाहता था। पैसा इकट्ठा करने के लिए ही उसने सेना में फर्जी दस्तावेज बनाकर पैसे कमाना शुरू कर दिया था। पकड़े गए थाने के सिपाही के अकाउंट में कई बार पैसे भी ट्रांसफर किए गए थे।

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