सीलबंद लिफ़ाफ़े आई हाथरस नई निर्भया की PM रिपोर्ट, ऐसी बातें आई सामने

दरिंदगी की शिकार हुई हाथरस की बिटिया के शव की पोस्टमार्टम रिपोर्ट बुधवार शाम को यूपी पुलिस को सौंप दी गई। सफदरजंग अस्पताल के

हाथरस: दरिंदगी की शिकार हुई हाथरस की बिटिया के शव की पोस्टमार्टम रिपोर्ट बुधवार शाम को यूपी पुलिस को सौंप दी गई। सफदरजंग अस्पताल के फॉरेंसिक विभाग ने सेक्टर-20 नोएडा के इंस्पेक्टर आर के सिंह को सीलबंद लिफाफे में रिपोर्ट दी है। रिपोर्ट के मुताबिक, पीड़िता की गर्दन पर चोट के निशान हैं और हड्डियां भी टूटी हुई हैं। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से खुलासा होता है कि पीड़िता के साथ किस तरह की दरिंदगी की गई थी.

सफदरजंग अस्पताल के द्वारा जारी की गई इस रिपोर्ट में बताया गया कि पीड़िता की मौत का मुख्य कारण विसरा रिपोर्ट आने के बाद ही पता चलेगा। हालांकि, रिपोर्ट में गले पर चोट के निशान का भी जिक्र किया गया है।

रिपोर्ट में पीड़िता के गले पर चोट के निशान की बात कही गई है, साथ ही गले को दबाने का मामला भी सामने आया है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बताया गया है कि सिर्फ एक बार नहीं कई बार गले दबाने की कोशिश की गई है।

पीड़िता की ओर से कई बार बचाव की कोशिश की गई, इस वजह से गर्दन की हड्डी भी टूट गई थी। अभी विसरा रिपोर्ट आने का इंतजार किया जा रहा है, जिसके बाद इस बात की पुष्टि की जाएगी कि मौत का कारण क्या रहा।

पोस्टमार्टम रिपोर्ट में ही घटना के बारे में बताया गया है, जिसमें कहा गया है कि ये घटना 14 सितंबर सुबह नौ बजे की है और शाम को चार बजे के करीब पीड़िता को अलीगढ़ के अस्पताल में शिफ्ट किया गया। जब पीड़िता की हालत बिगड़ी तो 28 तारीख को उसे दिल्ली सफदरजंग अस्पताल में लाया गया। इलाज के दौरान 29 तारीख को सुबह 6.55 बजे पीड़िता की मौत हो गई।

वहीं दिल्ली पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि कुछ प्रदर्शनकारियों के कहने पर परिजनों ने शुरू में शव लेने से मना कर दिया था। परिजनों ने मना किया तो यूपी पुलिस ने भी शव लेने से मना कर दिया। काफी देर समझाने के बाद परिजन शव लेने को तैयार हुए थे।

एक टीम बिटिया के शव को लेकर हाथरस स्थित उसके गांव गई। साथ में बिटिया के पिता, भाई व यूपी पुलिस के अधिकारी थे। दूसरी टीम भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर को छोड़ने यूपी गई थी। चंद्रशेखर को जेवर टोल प्लाजा पर छोड़ा था। तीसरी टीम बिटिया के अन्य परिजनों को लेकर मंगलवार शाम को उनके गांव छोड़ने गई थी। साथ में यूपी पुलिस अधिकारी मौजदू थे। दक्षिण-पश्चिमी जिला डीसीपी  देवेन्द्र आर्या का कहना है कि सफदरजंग अस्पताल में मंगलवार को प्रदर्शन हुआ था। उस मामले में कोई केस दर्ज नहीं किया गया है।

गौरतलब है कि 14 सितंबर को हाथरस के एक गांव में दलित युवती के साथ गैंगरेप किया गया था। जिसके बाद उसकी तबीयत काफी खराब हुई और दिल्ली शिफ्ट किया गया, जहां सफदरजंग अस्पताल में उसकी मौत हो गई। मौत के बाद युवती के शव को हाथरस लाया गया, जहां पर जबरन पुलिस के द्वारा उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया।

इस मामले में चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। साथ ही प्रदेश सरकार की ओर से पूरे केस की जांच के लिए तीन सदस्यों की एसआईटी टीम का गठन किया गया है, जो हाथरस पहुंच चुकी है। एसआईटी को सात दिन के अंदर अपनी रिपोर्ट देनी होगी।

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