शाहीन बाग मामले पर आया SC का फैसला…
शाहीन बाग मामले पर SC का आदेश आ गया है। SC ने कहा है कि विरोध के अधिकार की सीमा होती है।
शाहीन बाग मामले पर SC का आदेश आ गया है। SC ने कहा है कि विरोध के अधिकार की सीमा होती है। सार्वजनिक जगह को इस तरह से अनिश्चितकाल तक नहीं घेरा जा सकता। इस तरह का विरोध स्वीकार्य नहीं। प्रशासन कार्रवाई कर सकता है। उसे कोर्ट के आदेश की ज़रूरत नहीं। उम्मीद है कि भविष्य में ऐसी स्थिति पैदा नहीं होगी।
दिल्ली के शाहीन बाग में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ करीब 100 दिनों तक लोग सड़क रोक कर बैठे थे। दिल्ली को नोएडा और फरीदाबाद से जोड़ने वाले एक अहम रास्ते को रोक दिए जाने से रोज़ाना लाखों लोगों को परेशानी हो रही थी। इसके खिलाफ वकील अमित साहनी और बीजेपी नेता नंदकिशोर गर्ग ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी।
कोर्ट ने पुलिस को भीड़ पर कार्रवाई का निर्देश देने की बजाय लोगों को समझा कर हटाना उचित समझा। इस काम के लिए 2 वार्ताकार संजय हेगडे और साधना रामचंद्रन को नियुक्त कर दिया। लेकिन वह असफल रहे। मामला 23 मार्च को सुनवाई के लिए लगना था। लेकिन कोरोना के चलते कोर्ट केेआ सामान्य कामकाज बाधित हो गया।
आखिरकार 21 सितंबर को मामला जस्टिस संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली बेंच के सामने लगा। उस दिन सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने जजों को बताया कि लॉकडाउन लागू होने के बाद प्रदर्शकारियों को सड़क से हटा दिया गया था। इस जानकारी के बाद कोर्ट ने मामले पर आगे सुनवाई को गैरज़रूरी माना।
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