लखनऊ : सुकन्या रेप कांड और बंदी प्रत्यक्षीकरण निर्देशों की हो पुन: जांच

हिन्दू एकता आन्दोलन पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डा0 संतोष रॉय ने एक बार फिर पन्द्रह वर्ष पूर्व अमेठी के गेस्ट हाउस में हुये सुकन्या रेप कांड और बन्दी प्रत्यक्षीकरण निर्देशों की पुन: जांच की मांग उठायी है

 लखनऊ। हिन्दू एकता आन्दोलन पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डा संतोष रॉय ने एक बार फिर पन्द्रह वर्ष पूर्व अमेठी के गेस्ट हाउस में हुये सुकन्या रेप कांड और बन्दी प्रत्यक्षीकरण निर्देशों की पुन: जांच की मांग उठायी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भेजे गये पत्र में डा0 संतोष रॉय ने आरोप लगाया है कि राजनीतिक दबाव के चलते न सिर्फ इस मामले को दबा दिया गया बल्कि पीडि़ता परिवार रहस्यमय तरीके से आज तक गायब है।

यही नहीं बल्कि पीडि़ता परिवार को न्याय दिलाने के लिये प्रयासरत रहे एक पत्रकार का भी कुछ पता नहीं है। ऐसी स्थिति में अब जरूरी हो गया हो गया बेटी बचाओ का नारा देने वाली केन्द्र की मोदी सरकार को सुकन्या रेप कांड को गंभीरता से लेते हुये गायब चल रहे पीडि़ता व उसके परिवार को न्याय दिलाने के लिये ठोस कदम उठाये।

हिन्दू एकता आन्दोलन के प्रदेष अध्यक्ष का दायित्व निभा रहे

उल्लेखनीय है कि इस रेप कांड की दोबारा जांच की मांग करने वाले तत्कालीन हिन्दू युवक सभा के अध्यक्ष रहे डा0 संतोश रॉय से मदद मांगने के लिये पीडि़ता सुकन्या एवं उसके माता-पिता और पत्रकार ओम प्रकाश अग्रवाल ने मुलाकात की थी और घटना की पूरी जानकारी उपलब्ध कराते हुये घटना को अंजाम देने में राहुल गांधी एवं उनके विदेशी मित्रों के बारे में बताया था। वर्तमान में हिन्दू एकता आन्दोलन के प्रदेष अध्यक्ष का दायित्व निभा रहे।

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डा संतोष रॉय ने प्रधानमंत्री को भेजे पत्र में घटना से संबंधित ब्यौरा देते हुये बताया है कि दिसंबर 2006 में अमेठी की निवासी सुकन्या पुत्री बलराम सिंह के साथ बलात्कार करने की शिकायत राहुल गांधी एवं उनके विदेषी मित्र के खिलाफ पंजीकृत कराने के लिये पुलिस स्टेषन गयी थी, जहां पुलिसकर्मियों और अधिकारियों ने सुकन्या और उसके परिवार की नहीं सुनी और उल्टे उन्हें भगा दिया गया, लेकिन शिकायत दर्ज नहीं की। पत्र के मुताबिक सुकन्या और उनके परिवार ने कुछ पत्रकारों के माध्यम ओमप्रकाश अग्रवाल से संपर्क किया जो से बैंगलोर से थे।

जनवरी 2007 के पहले सप्ताह में श्री ओमप्रकाश अग्रवाल ने मुझे फोन किया और कहा कि वह मुझसे अकेले कुछ लोगों के साथ मिलना चाहते हैं, कुछ गंभीर मुद्दा है। ओमप्रकाश अग्रवाल अगले दिन सुबह सुकन्या और उसके पिता बलराम सिंह के साथ आए और मुझसे मिले घटना की पूरी जानकारी दी। जिसके बाद पत्रकार ओमप्रकाश अग्रवाल के साथ अमेठी गया। जहां स्थानीय पत्रकारों के बीच और स्थानीय लोगों के साथ बातचीत करने पर पता चला कि ज्यादातर लोग इस मुद्दे के बारे में जानते हैं, लेकिन इस पर चर्चा नहीं करना चाहते थे।

हम सदर पुलिस स्टेशन गए और एक एसआई से बात की अगर कोई भी बलात्कार की शिकायत आई थी, तो तुरंत सब-इंस्पेक्टर ने हमें चिल्लाकर पूछा कि तुम कौन हो और ऐसी कोई शिकायत नहीं है, एसआई ने हमें धमकी दी और कहा कि अपनी जगह पर वापस जाओ अन्यथा , आप सलाखों के पीछे होंगे। सदर पुलिस से बाहर आने के दौरान, स्टेशन संतरी ने हमारे बारे में पूछा, और उन्होंने हमें धीरे से बताया कि सुकन्या यहाँ आई थी। इन तमाम तथ्यों के साथ अन्य कई प्रमुख बातों डा0 संतोश रॉय ने पत्र में जिक्र किया है। हिन्दू एकता आन्दोलन पार्टी के प्रदेष अध्यक्ष डा0 रॉय ने कहा कि हमें पूरा भरोसा है हमारे पत्र को प्रधानमंत्री गंभीरता से लेकर काररवाई के लिये कदम उठायेगें।

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