कानपुर : बेटे की आस में मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी से मिलने पैदल निकला संजीत का परिवार…

कानपुर : बेटे की आस में मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी से मिलने पैदल निकला संजीत का परिवार. अपहरण हत्या होने के बाद अभी तक नही मिली है संजीत की लाश.

कानपुर के संजीत का 22 जून को हुआ था अपहरण:-

हत्यारोपियों के मुताबिक 26 जून को ही कर दी थी हत्या. बर्रा इस्पेक्टर, जनता नगर चौकी समेत एक सीओ व एसपी अपर्णा गुप्ता को किया गया था निलंबित. डेड बॉडी की तलाश में अब तक चल रहा है रेस्क्यू ऑपरेशन.

सपा से अखिलेश यादव व कांग्रेस की प्रियंका वाड्रा ने पीड़ित परिवार से किया था संपर्क:-

यूपी की योगी सरकार की तरफ से अभी तक नही आया है कोई संदेश. बेटे की लाश के लिए योगी से मिलने कानपुर से लखनऊ निकला परिवार.

  • SP कानपुर के मुताबिक 26 या 27 को अपहरण करने वाले ने संजीत की हत्या कर दी थी.
  • पुलिस ने संजीत के 2 साथियों गिरफ्तार किया है जिन्होंने ये कबूला है.
  • मारने के बाद संजीत की लाश को पांडू नदी में फेंक दिया गया जिसकी तलाश की जा रही है.

Sanjit kidnapping case : कानपुर में अपहरण हुए लैब असिस्टेंट की हुई ह्त्या, बहन का आरोप पूर्व थानेदार और एसपी है मेरे भाई की मौत के जिम्मेवार ,पुलिस ने फिरौती का दिलवाया था तीस लाख रुपया लेकिन भाई को नहीं किया बरामद मामले में प्रियंका गांधी से लेकर अखिलेश यादव तक ट्वीट करके पुलिस पर उठा चुके थे सवाल।

  • कानपुर में एक बार फिर पुलिस अधिकारियों का नाकारापन सामने आया है।
  • 22 जून से अपहरण हुए लैब असिस्टेंट की पुलिस लापरवाही से ह्त्या हो गई।
  • पुलिस ने घरवालों से अपहरण कर्ताओ को तीस लाख की फिरौती दिलवा दी लेकिन युवक को फिर भी ज़िंदा नहीं छुड़ा पाए।
गुरूवार की रात पुलिस ने कुछ युवको को पकड़ा।
  • तो उनके द्वारा युवक की ह्त्या की कहानी सामने आई.
  • युवक के परिजन उसकी ह्त्या की खबर सुनते ही पुलिस पर आग बबूला हो गए।

बहन चिल्ला चिल्लाकर कहती रही की थानेदार चौकी इंचार्ज और एसपी दक्षिण ही मेरे भाई की मौत के जिम्मेवार है।

  • कानपुर के बर्रा इलाके में रहने वाले संजीत यादव का 22 जून को अपहरण हो गया था।
  • अपहरण करने वाले घरवालों से तीस लाख की फिरौती मांगने लगे।
  • परिजनों ने बर्रा पुलिस से लेकर एसपी साउथ अपर्णा गुप्ता को सूचना दी।
  • परिजनों का आरोप है की पुलिस संजीत को छुड़ाने के लिए फिरौती देने के लिए हम लोगों से पैसों का इंतजाम करने को भी कहा.
  • जिसके बाद परिवार ने घर-जेवर सब गिरवी रख कर तीस लाख इकठ्ठा किये।
  • इसके बाद खुद पुलिस ने साथ रहकर फिरौती दिलवा दी।
  • लेकिन संजीत को न छुड़वा पाए न अपराधियों को पकड़ पाए।
  • इसके बाद एसएसपी दिनेश कुमार से थानेदार रणजीत राय को सस्पेंड करके युवक को जल्द बरामद करने का वादा किया।
  • लेकिन पुलिस फिर भी कुछ नहीं कर पाई।
  • आखिर आज रात को पुलिस ने कुछ युवको को पकड़ने के बाद घरवालों को सूचना दी की संजीत की ह्त्या कर दी गई है।
Sanjit kidnapping case :
  • उसकी बॉडी को पांडव नदी में गोताखोरों से खोजवाया जा रहा है।
  • इसके बाद परिजनों ने पुलिस पर लापरवाही के आरोप लगाकर जमकर हंगामा काटा।
  • संजीत की बहन रूचि चिल्ला कर आरोप लगाती रही कि मेरे भाई अब नहीं है.
  • उसकी मौत के लिए थानेदार रणजीत राय चौकी इंचार्ज और एसपी अपर्णा जिम्मेवार है।
  • इन्होने हमसे धोखा किया अब इनको जेल भेजा जाए।
  • इस मामले में जब मिडिया में तीस लाख फिरौती पुलिस द्वारा दिलाने की खबरे आई.
  • तो इसकी गंभीरता को देखकर प्रियंका गांधी से लेकर पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने भी पुलिस को लेकर ट्वीट किया था।
  • अखिलेश गुरूवार को दुबारा ट्वीट करके संजीत की सकुशल वापसी की कामना की थी।
  • मगर इससे परे कानपुर पुलिस शुरू से ही इसमें लापरवाही दिखाती रही.
  • हैरानी देखिये गुरुवार की रात संजीत की ह्त्या के बाद भी जिले का कोई आला अधिकारी उसके घर पर सांत्वना देने नहीं गया। जबकि कानपुर में एसएसपी,आईजी और एडीजी सब रहते है।

  • वैसे एसएसपी दिनेश कुमार ने मीडिया को अपने ग्रुप में वीडियो बयान जारी करके जिम्मेवारी पूरी कर ली।
  • उन्होंने बताया की संजीत के अपहरण में उसके ही कुछ साथियो को पकड़ा गया था।
  • इन लोगों ने उसका अपहरण करके 26 या 27 जून को ही ह्त्या कर दी थी।
  • फिर 29 जून को फिरौती मांगी गई।
  • वही अपहरणकर्ताओं ने बताया कि संजीत की बॉडी को उन्होंने पांडव नदी में फेंक दिया था।
  • जिसे गोताखोर लगा कर ढूढा जा रहा है।

इस पूरे मामले में बड़ी ही मासूमियत से एसएसपी साहब ने इलेक्ट्रिक युग का फायदा उठाते हुए संजीत की ह्त्या किये जाने का बयान जारी कर दिया। लेकिन अपनी बेशर्म लापरवाह पुलिस की तरफ से ये कुछ नहीं बताया की जब संजीत की पहले ही ह्त्या हो चूंकि थी.

तो पुलिस ने घर वालो से तीस लाख फिरौती क्यों और किसे दिलवाई।
आखिर इस अपहरण ह्त्या में क्या पुलिस के बड़े अधिकारी जिम्मेवार नहीं है?

 

जब पूरा मामला उनके संज्ञान में था शायद कानपुर की बेशर्म पुलिस इतनी बेगैरत हो गई है कि उसे न अपनी जिम्मेवारी का अहसास है न जनता की सुरक्षा की ?

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