यूपी के रण में संगीत पसंद नहीं… लेकिन योगी की जय है, सोम की सीट पर जाति का जंजाल

पूरब में योगी आदित्यनाथ और पश्चिम में संगीत सिंह सोम बड़े हिंदू चेहरे माने जाते हैं। लेकिन इसबार दोनों नेताओं की कट्टर हिंदुत्व वाली छवि कहीं ढकी हुई नजर आ रही है।

लखनऊ : यूपी विधानसभा चुनाव प्रचार चरम पर है। जुबानी जंग दिन प्रतिदिन तेज होती जा रही है। 10 फरवरी को प्रथम चरण का मतदान होना है। लेकिन इससे पहले ही चुनाव पलट चुका है। 17 के चुनाव में जहां हिन्दुत्व और विकास मुद्दे थे वहीं ये चुनाव जाति की तरफ मुड़ चुका है। हमारे सहयोगी आशुतोष श्रीवास्तव हाल में ही पश्चिम का दौरा कर के लौटे हैं। उन्होंने जो कुछ भी अनुभव किया वो आप भी जानिए।

पूरब में योगी आदित्यनाथ और पश्चिम में संगीत सिंह सोम बड़े हिंदू चेहरे माने जाते हैं। लेकिन इसबार दोनों नेताओं की कट्टर हिंदुत्व वाली छवि कहीं ढकी हुई नजर आ रही है। सोम इस विधानसभा चुनाव में जाति के जंजाल में फंसे नजर आ रहे हैं।

मेरठ की सरधना विधानसभा सीट से दो बार विधायक रहे सोम को 2013 के मुजफ्फरनगर दंगों के बाद इलाके में हिंदू ह्रदय सम्राट बना हिंदू मतदाता के बीच स्थापित किया गया। फायदा भी मिला। लेकिन गढ़ी हुई छवि लंबे समय तक नहीं चलती। कुछ ऐसा ही इस बार सरधना में नजर भी आ रहा है। आशुतोष बताते हैं कि इस सीट पर मुस्लिम मतदाता करीब 20 फीसदी हैं दलित करीब 16 फीसदी वहीं ठाकुर, गुर्जर, जाट, ब्राह्मण के साथ अन्य पिछड़ा वर्ग का मतदाता भी अच्छी तदात में हैं। सोम को अपनी जीत बरकरार रखने के लिए दलित वोट को साधना होगा।

आशुतोष कहते हैं, बहुजन समाज पार्टी ने जाट बिरादरी से संजीव धामा को मैदान में उतारा है जो सोम के जाट और दलित वोट में सेंध लगा रहे हैं। वहीं सोम से दो बार हार चुके अतुल प्रधान समाजवादी पार्टी-राष्ट्रीय लोक दल के संयुक्त प्रत्याशी हैं। ऐसे में सोम जातिए मकड़जाल में फंसते नजर आ रहे हैं।

आशुतोष 4 दिन इस विधानसभा में घूमे। उनके मुताबिक संगीत जो राजपूत बिरादरी से आते हैं उन्हे अपनी बिरादरी के वोट के साथ ही ब्राह्मण और वैश्य के साथ कुछ हद तक ओबीसी वोट मिलता नजर आ रहे हैं। इसके साथ ही जो रोचक बात आशुतोष ने बताई वो ये है कि अधिकांश हिंदू सोम से नाराज हैं, लेकिन वो योगी को वोट देंगे।

किसानों की बात पर आशुतोष ने बताया कि किसान वैसे तो खुल के नहीं बोल रहे लेकिन घर की औरतें दबी जुबान में बीजेपी के पक्ष में हामी भरती नजर आती है।

आशुतोष ने जो कुछ देखा महसूस किया वो हुमने आपके सामने रख दिया है लेकिन असली तस्वीर के लिए हमें 10 मार्च तक रुकना होगा।

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