गणतंत्र दिवस: सपा प्रमुख के आह्वान पर समाजवादी पार्टी ने गोंडा में निकाली ट्रैक्टर रैली, पूर्व मंत्री विनोद सिंह ने किया नेतृत्व
गणतंत्र दिवस (Republic Day) के अवसर पर उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के निर्देश पर यूपी के गोंडा जिले में ट्रैक्टर रैली (Tractor rally) निकाली गई।
गणतंत्र दिवस (Republic Day) के अवसर पर उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) के निर्देश पर यूपी के गोंडा जिले में ट्रैक्टर रैली (Tractor rally) निकाली गई। इस ट्रैक्टर रैली का नेतृत्व सपा के पूर्व मंत्री विनोद सिंह उर्फ पंडित सिंह ने किया।
सपा अध्यक्ष के आव्हान पर ट्रैक्टर रैली
आपको बता दें कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने आव्हान किया था कि 26 जनवरी 2021 को गणतंत्र दिवस के अवसर पर उत्तर प्रदेश के प्रत्येक जनपद में तहसील स्तर पर समाजवादी किसानों के साथ ट्रैक्टरों पर तिरंगा लगाकर ध्वजारोहण करेंगे। समाजवादी पार्टी प्रारम्भ से ही किसानों के समर्थन में है और किसान यात्रा, समाजवादी किसान घेरा तथा चौपाल कार्यक्रमों के जरिए उनके साथ अपनी एकता प्रदर्शित की है।
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अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने अपने बयान में कहा कि भाजपा की गलतनीतियों के चलते देश का किसान दुःखी है। खेती और फसलों पर बड़े उद्योग घरानों और बहुराष्ट्रीय कम्पनियों की नज़र है। खेती में प्रयोग होने वाले सभी कृषि यंत्र, खाद, बीज, रसायन, डीजल, बिजली मंहगी है। किसान को उत्पादन की लागत भी नहीं मिल रही है। एमएसपी की अनिवार्यता और तीन कृषि कानूनों को रद्द किये जाने की उचित मांग भी केन्द्र सरकार नहीं मान रही है।
किसानों की आवाज को कुचलने की साजिश
किसान दो महीने से अपना शांतिपूर्ण धरना कर रहे हैं। किसानों की आवाज को कुचलने के लिए साजिशें कर रही है। उत्तर प्रदेश में किसानों को नोटिसें देकर धमकाया जा रहा है कि उनके ट्रैक्टर जब्त कर लिए जाएंगे और वाहन स्वामी पर कार्रवाई होगी। पेट्रोल पम्पों को कहा गया कि किसी ट्रैक्टर में डीजल न डालें, नहीं खुला तेल बेंचे।
सपा प्रमुख (Akhilesh Yadav) ने कहा कि समाजवादी कार्यकर्ताओं और किसानों के खिलाफ झूठे फर्जी मुकदमें लगाए जा रहे हैं। प्रशासन का यह रवैया असंवैधानिक है, क्योंकि किसानों के प्रदर्शन के अधिकार को तो माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने भी माना है। गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर रैली में प्रशासन का अवरोध पैदा करना अलोकतांत्रिक भी है। संचार माध्यमों का जैसा दुरुपयोग किया जा रहा है उससे सुरक्षा को भी खतरा हो चला है।
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उन्होंने कहा कि भाजपा नए कृषि कानूनों को लेकर हठधर्मिता पर उतर आई है। इन कानूनों से किसान बंधुआ मजदूर बन जाएगा। उसकी फसल के साथ जमीन पर भी संकट बढ़ गया है। अपने अस्तित्व के लिए प्रचंड शीतलहर में भी संघर्षशील है और दर्जनों किसान अपना बलिदान भी दे चुके हैं। भाजपा ने चंद कारपोरेट दोस्तों से अपवित्र गठबंधन के कारण पूरे देश के किसानों के जीवन पर दांव लगा दिया है।
‘भाजपा सरकार ने किसानों को दिया धोखा’
अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने कहा कि भाजपा सरकार ने किसानों को लगातार धोखा देने का काम किया है। किसान की कर्जमाफी, आय दुगनी करने और लागत का ड्योढ़ा मूल्य देने के वादे धोखा साबित हुए है। किसान को धान, गेहूं और सरसों की कीमत कहां मिली है? सरकारी प्रचारतंत्र और भाजपा नेतृत्व अभी तक चीन, पाकिस्तान के खतरों का ढिंढोरा पीटता रहा है। अचानक उसे ट्रैक्टर ट्राली से खतरा पैदा हो गया है। सरकार को किसानों की बात मानकर गणतंत्र दिवस की गरिमा बचानी चाहिए और लोकतंत्र को बचाने के लिए यह भी जरूरी है।
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पार्टी अध्यक्ष (Akhilesh Yadav) ने कहा है कि भाजपा राज में किसान पूरी तरह उपेक्षित रहा है। उनके नाम पर शुरू कथित योजनाएं केवल बिचौलियों को लाभ देने वाली रही है। किसान तो शोषण का शिकार ही हुआ है। किसान को खुले बाजार में बिचौलियों की दया पर छोड़ने की साजिशें हो रही है।
किसान जानते है कि समाजवादी सरकार के समय ही उन्हें गन्ना का बढ़ा मूल्य मिला था, एमएसपी पर धान गेहूं की खरीद हुई थी। गरीबों के लिए लोहिया ग्राम विकास और जनेश्वर मिश्र ग्राम विकास योजनाओं में गांवो की दशा बदलने का प्रयास हुआ था। किसानों की आय बढ़ाने के लिए कामधेनु, मत्स्य पालन, मुर्गी पालन की योजनाएं शुरू की गई थी।
आज देश में समाजवादी पार्टी ही अकेली पार्टी है, जो सही मायनों में किसानों के उन्नयन के लिए ईमानदारी से समर्पित है। किसान समुदाय भी समाजवादी नेतृत्व पर भरोसा करता है। किसान को विश्वास है कि 2022 में भाजपा से मुक्ति के बाद ही उसे खुशहाली का रास्ता मिलेगा। जनता अब बदलाव चाहती है। चार वर्ष में भाजपा सरकार ने करवट नहीं ली। भाजपा के आंख कान बंद है पर किसानों की आवाज बुलन्द है। भाजपा किसानों की आवाज दबाने की ताकत नहीं रखती है।
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