भाजपा की राज्य सरकार सिर्फ अपने स्वार्थ साधन में ही लगी रहती है-अखिलेश यादव
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री श्री अखिलेश यादव ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में चिकित्सा सेवाएं पटरी से उतर चुकी हैं। भाजपा की बहुप्रचारित आयुष्मान भारत योजना में भी गरीबों का इलाज मजाक बन गया है। अस्पतालों से बिना इलाज और दवाइयों के मरीजों को निराश होकर लौटना पड़ रहा है।
- अस्पतालों की ओ.पी.डी. में भीड़ तो रोज होती है लेकिन मरीज देखने वाले डाक्टर नहीं आते हैं।
- जनऔषधि केन्द्र दिखावा साबित हो रहे हैं।
- अस्पतालों में अव्यवस्था का बुरा हाल है।
- गम्भीर बीमारियों से ग्रस्त मरीजों के इलाज में तमाम बाधाएं डाली जाती है।
- किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में असाध्य रोगों का इलाज बजट खत्म हो जाने से बंद हो गया है।
- दवाएं एवं इम्प्लांट आदि सप्लाई करने वाले उधारी ज्यादा होने से बीच में सप्लाई रोक देते हैं।
- इसका खामियाजा मरीजों को ही उठाना पड़ता है।
- समाजवादी सरकार में एक रूपये के पर्चे पर असाध्य रोगों हार्ट, किडनी, लीवर और कैंसर के मुफ्त इलाज और जांच की व्यवस्था की गई थी।
- चक गंजरिया इलाके में कैंसर अस्पताल की स्थापना की गई थी।
- भाजपा राज में यह अस्पताल भाजपा सरकार के कारण उदासीनता की भेंट चढ़ गया है।
- राजधानी लखनऊ में किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय में सुपर स्पेशलिटी सेवाएं उपलब्ध हैं जो अब अस्तव्यस्त हो चली हैं।
- यहां के विशेषज्ञ डाक्टर सेवाएं छोड़कर जा रहे हैं।
- कई विभागों में पद मंजूर हुए है लेकिन उनका अता पता नहीं है।
- कई विभाग कागजों पर चल रहे हैं।
- आए दिन डाक्टरों, रेजीडेंट्स और मरीज के तीमारदारों के बीच झगड़ें होते रहते हैं।
- वहां स्वस्थ माहौल नहीं रह गया है।
भाजपा की राज्य सरकार सिर्फ अपने स्वार्थसाधन में ही लगी रहती है।
- प्रदेश के अस्पतालों की दुर्दशा की क्या कहें राजधानी में ही लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान, बलरामपुर अस्पताल और लोकबंधु राज नारायण अस्पताल सब अव्यवस्था के शिकार हैं।
- यहां कर्मचारियों का समय से वेतन भुगतान तक नहीं हो रहा है।
- कई अस्पतालों में रेप, वसूली की दर्दनाक घटनाएं हुई हैं।
- अचरज की बात है कि लखनऊ के लोकभवन में बैठे भाजपा सरकार के शीर्षस्थ व्यक्तियों तथा चिकित्सा शिक्षा तथा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के मंत्रियों और बड़े अधिकारियों का अस्पतालों में गड़बड़ियों की ओर ध्यान नहीं जाता है।
- भाजपा की सरकार के कानों तक मरीजों और गरीबों की आवाज नहीं पहुंच रही है।
- लेकिन जनता जब उठ खड़ी होती है तो उसके रास्ते से सभी बाधाएं दूर हो जाती हैं।
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