लखनऊ : आगरा के वरिष्ठ पत्रकार दिवंगत पंकज कुलश्रेष्ठ के परिजनों की आर्थिक मदद के लिए समाजवादी पार्टी ने आगे बढ़ाये हाथ

लखनऊ : पूरे देश में इस समय कोरोना का संकट बढ़ता ही जा रहा है. देश का उत्तर प्रदेश राज्य भी इससे अछूता नहीं है. उत्तर प्रदेश में अपनी जान की परवाह किये बगैर पुलिस, पत्रकार और डॉक्टर दिन रात एक करके अपने फर्ज निभा रहे हैं. जिसके चलते हमारे लिए अपनी जान की बाजी लगा रहे इन कोरोना वॉरियर्स को भी कोरोना संक्रमण अपनी चपेट में ले रहा है. इसके बावजूद भी ये कोरोना वॉरियर्स हमारे और आपके लिए अपने कर्तव्य पथ पर अग्रसर हैं.

पिछले दिनों उत्तर आगरा ज़िले में दैनिक जागरण समाचार पत्र के दिवंगत वरिष्ठ पत्रकार पंकज कुलश्रेष्ठ का कोरोना वायरस की चपेट में आने से निधन हो गया. उनके निधन पर सर्वप्रथम समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट कर भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की.

जबकि उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपनी असंवेदनशीलता का प्रमाण देते हुए वरिष्ठ पत्रकार के निधन के 8-10 घंटे बाद अपना शोक प्रकट किया।

वरिष्ठ पत्रकार के निधन पर उत्तर प्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार व राष्ट्रिय अध्यक्ष, आल इंडिया न्यूज़ पेपर एसोसिएशन डॉ मो. कामरान और राज्य मुख्यालय मान्यता प्राप्त पत्रकार मनीष यादव ने समाजवादी पार्टी से वरिष्ठ पत्रकार के परिजनों की आर्थिक सहायता करने की माँग की. वरिष्ठ पत्रकार डॉ मो. कामरान ने दिवंगत वरिष्ठ पत्रकार पंकज कुलश्रेष्ठ के परिजनों को आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए ट्वीट करते हुए कहा कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव पत्रकार की आकस्मिक मृत्यु पर मीडिया से जुड़े बंधु आपको जरूर याद करते है, आप द्वारा आश्रित परिवार को आर्थिक सहायता दी जाती थी, दैनिक जागरण समाचार पत्र के आगरा के पत्रकार परिवार को कब मिलेगी आर्थिक सहायता किया।

जिसके बाद समाजवादी पार्टी ने वरिष्ठ पत्रकार डॉ मो. कामरान और राज्य मुख्यालय मान्यता प्राप्त पत्रकार मनीष यादव की माँग का संज्ञान लेते हुए आज दिवंगत वरिष्ठ पत्रकार पंकज कुलश्रेष्ठ के परिजनों को 2 लाख आर्थिक सहायता प्रदान करने की घोषणा करते हुए सरकार से अपील की वह सपा सरकार के समय स्थापित परंपरा पर चलते हुए पत्रकार के परिजनों को 20 लाख रुपये की आर्थिक मदद प्रदान करे.

आपको बता दें कि समाजवादी सरकार के समय पत्रकारों व उनके परिजनों को विपत्ति के समय 20 लाख रुपये की आर्थिक मदद की जाती थी. जो कि योगी सरकार में बिलकुल भी नहीं है.  

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