लखनऊ: समाजवादी पार्टी की सरकार में बने पार्कों को सपा प्रमुख ने बताई अपनी उपलब्धियां
समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) की सरकार जब भी बनी उसने प्रदेश में जनसामान्य के स्वास्थ्य, पर्यावरण संरक्षण और सार्वजनिक स्थलों को विकसित करने में गहरी रूचि ली है।
समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) की सरकार जब भी बनी उसने प्रदेश में जनसामान्य के स्वास्थ्य, पर्यावरण संरक्षण और सार्वजनिक स्थलों को विकसित करने में गहरी रूचि ली है। राजधानी लखनऊ में जनता के आकर्षण के सबसे बड़े केन्द्र के रूप में लोहिया पार्क और जनेश्वर मिश्र पार्क (Janeshwar Mishra Park) का नाम आता है। यहां रोजाना सैकड़ों लोग प्रातः सायं भ्रमण करने आते हैं। लोग यहां खुली हवा में सांस लेते हैं। नौजवान खेलूकूद-एक्सरसाइज में व्यस्त हो जाते हैं तो बच्चों के लिए यहां कई खेल उपकरण है। उनके दौड़ने भागने के लिए खुला मैदान है। क्यारियों में खिलते फूलों का सौंदर्य बरबस ध्यान खींचता है तो हरे भरे पेड़ों की छांव में सारी थकावट दूर हो जाती है। हरी घास पर चहलकदमी करने वाले भी यहां कम नहीं आते हैं। जनेश्वर पार्क में साइकिलिंग की व्यवस्था है।
लखनऊ के गोमतीनगर के विपिनखण्ड में 76 एकड़ में बना लोहिया पार्क (Lohia Park) तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव (Mulayam Singh Yadav) ने समाजवादी आंदोलन के महानायक डॉ. राम मनोहर लोहिया की स्मृति में इस पार्क का निर्माण कराया था। उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने पर्यावरण की दृष्टि से एशिया के सबसे बड़े पार्क जनेश्वर मिश्र पार्क का 5 अगस्त 2014 को उद्घाटन किया था। 367 एकड़ में फैला यह पार्क समाजवादी नेता जनेश्वर मिश्रा को समर्पित है।
23 मार्च 2021 को डॉ. राम मनोहर लोहिया जी की जयंती के अवसर पर समाजवादी पार्टी के प्रेरणा पुरूष डॉ. लोहिया की प्रतिमा पर पुष्पांजलि भेंट करने के लिए अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) मेरठ की विशाल जनसभा के बाद सीधे लखनऊ एयरपोर्ट से अपराह्न लोहिया पार्क पहुंचे। वहां एकत्र जनसमूह ने अपने बीच प्रिय नेता को पाकर उनका अभिनंदन किया। लोहिया पार्क का विहंगम निरीक्षण करते हुए अखिलेश यहां लगे उस कल्पवृक्ष के निकट पहुंचे तो किसी क्षण को याद कर भावुक हो उठे। उन्होंने पारिजात वृक्ष को नमन किया।
अखिलेश जी के मन में पर्यावरण संरक्षण के अलावा खासतौर पर बच्चों के लिए मनोरंजन स्थल के निर्माण की बात थी, जिससे लोहिया पार्क और जनेश्वर मिश्र पार्क में लंदन के पार्को जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराने का विचार आया। उनका मानना है कि इससे बच्चों को खुली हवा में खेलने-पनपने का अवसर मिल रहा है। बच्चों की खुशियों का अर्थ परिवार वाले जानते हैं।
समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने इन पार्कों में देशी-विदेशी सुन्दर वृ़क्ष लगवाएं। जनेश्वर मिश्र पार्क में बच्च्चों के मनोरंजन के लिए बोटिंग झील बनवाई, जिसमें गण्डोला बोट से बोटिंग की व्यवस्था है। लोहिया पार्क और जनेश्वर मिश्र पार्कों में वाकिंग ट्रैक बनवाएं। जनेश्वर मिश्र पार्क में तो अंजनी कुमार कुशवाहा स्कैटिंग करते मिले। उन्होंने बताया कि वे यहां रोज अपने अभ्यास के लिए आते हैं उन्हें देखकर कुछ बच्चे भी स्केटिंग सीखने आने लगे हैं। बच्चों में इस खेल के प्रति उत्साह है।
जिन पार्कों को बड़ी लगन के साथ बनवाया गया, उनकी दुर्दशा देखकर अखिलेश जी का दुःखी होना स्वाभाविक है। बहुत से वृक्ष सूख रहे है उन्हें बचाया जा सकता है। झील में बोटिंग की व्यवस्था गड़बड़ा गई है। व्यवस्था में अपेक्षित सुधार न होने से पार्कों की भव्यता नष्ट हो रही है। लखनऊ विकास प्राधिकरण को जैसा रखरखाव करना चाहिए, नहीं हो रहा है। शायद सत्ता परिवर्तन के इशारों से ऐसा हो रहा है। कहना न होगा कि इन पार्कों से मेल-मिलाप और सद्भाव को भी बल मिलता है। जो लोग पार्कों में मिले उन्होंने अखिलेश जी के इन कार्यों की भूरि-भूरि प्रशंसा की। पार्कों में घूम रहे सैकड़ों लोगों ने कहा कि इस बार समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) की सरकार बने, उन सबकी यही इच्छा है।
अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) पार्क से वापसी में गोमती रिवरफ्रंट पर भी कुछ देर रूके। यहां का सौंदर्य कम पड़ गया है। यहां सायं लोग मनोरंजन के लिए आते है। गोमती की सफाई लगभग बंद है। उसका पानी काला पड़ गया है। यहां वातावरण में गोमती की गंदगी से बदबू आने लगी है। भाजपा सरकार ने रिवरफ्रंट को बर्बाद कर दिया है। उसने चार वर्ष में उत्तर प्रदेश को प्रदूषण प्रदेश बना दिया है। राजधानी लखनऊ भी उसकी चपेट में है। जो भाजपा सरकार समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) की सरकार में बनी मेट्रो ट्रेन को आगे नहीं बढ़ा सकी वह जनता को भ्रमित करने के लिए पार्क में ट्वायट्रेन चलाने का झांसा दे रही है पर उनका यह वादा भी अन्य वादों की तरह भुलावा और छलावा ही साबित होगा। अब तो वैसे भी भाजपा सरकार का विदाई का समय निकट ही है।
भाजपा के चार साल विकास विरोधी और हर मोर्चे पर विफलता के रहे है। दशको से जो नहीं हो पाया चार वर्षों में भाजपा ने राज्य को बर्बादी के कगार पर पहुंचाकर कर दिखाया है। वैसे प्रदेश में भाजपा सरकार के पाप का घड़ा भर चुका है। राज्य में चार वर्ष के कार्यकाल में उसने इतने पाप किए है कि जनता पूरी तरह ऊब चुकी है। भाजपा सरकार की राज्य को सबसे बड़ी देन प्रदूषण है। भाजपा सरकार ने उत्तर प्रदेश की बदनामी पूरे देश में की है यही चार वर्ष की उपलब्धि है।
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