सहारनपुर : एनजीटी ने नगर निगम को किया जुर्माना मुक्त

सहारनपुर एनजीटी की ओवर साइट कमेटी ने नगर निगम सहारनपुर द्वारा ढमोला व नागादेई नदी को प्रदूषण मुक्त करने के लिए किये जा रहे प्रयासों को स्वीकार करते हुए सहारनपुर नगर निगम को जुर्माने से मुक्त कर दिया है।

सहारनपुर एनजीटी की ओवर साइट कमेटी ने नगर निगम सहारनपुर द्वारा ढमोला व नागादेई नदी को प्रदूषण मुक्त करने के लिए किये जा रहे प्रयासों को स्वीकार करते हुए सहारनपुर नगर निगम को जुर्माने से मुक्त कर दिया है। जबकि अन्य छह जिलों पर जुर्माना लगाया है। दोआबा पर्यावरण समिति ने हिण्डन, काली और कृष्णी नदी के प्रदूषण के लिए पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सात जिलों की नदियों और नालों के पानी को उक्त नदियों के प्रदूषण का जिम्मेदार ठहराते हुए वर्ष 2014 में एनजीटी में यह मामला दायर किया था। समिति का आरोप था कि विभिन्न उद्योगों का प्रदूषित जल इन नदियों को प्रदूषित करने के साथ साथ भूजल को भी प्रदूषित कर रहा है, जिससे बड़ी संख्या में गांव प्रभावित हो रहे हैं।

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बुधवार को एनजीटी की ओवर साइट कमेटी ने दोआबा पर्यावरण समिति बनाम उ.प्र. राज्य (ओ.ए.231/2014) मामले की वीडियो कांफ्रेंस के जरिये सुनवाई की। चेयरमैन जस्टिस एसवीएस राठौर और सदस्य डाॅ. अनूप चंद्र पाण्डेय (पूर्व मुख्य सचिव उ.प्र) ने सुनवाई के दौरान सात जिलों में हिण्डन, काली और कृष्णी नदी को प्रदूषित करने वाले नदियों-नालों की बिंदुवार समीक्षा करने के बाद सहारनपुर को छोड़कर बाकि सभी छह जिलों पर जुर्माना लगाया है। इन जिलोें के 27 नदी नालों को हिण्डन, कृष्णी व काली नदी के प्रदूषण का कारण मानते हुए यह जुर्माना लगाया है। जिन सात जिलों की नदियों-नालों पर सुनवाई की गयी उनमें सहारनपुर, शामली, मुजफ्फरनगर, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर, मेरठ व बागपत जिले शामिल थे। सहारनपुर की ढमोला नदी और नागादेई नदी के प्रदूषण को लेकर शिकायत की गयी थी। एनजीटी की ओवर साइट कमेटी ने उक्त सभी जिलों के निगम-निकायों को प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए पूर्व के वर्षों और गत वर्ष नोटिस भी जारी किये थे।

नगरायुक्त ज्ञानेंद्र सिंह ने बताया कि सहारनपुर नगर निगम ने नदियों के प्रदूषण को गंभीरता से लेते हुए निगम में एक पर्यावरण अनुभाग बनाया था। इस अनुभाग द्वारा गत मार्च 2020 से लगातार ढमोला व नागदेई नदियों में 30 से ज्यादा चैक डैम बनाकर जलोपचार व जल प्रबंधन कार्य किया जा रहा था। जिसका प्रभाव भी दिखाई देने लगा है। दोनों नदियों में आक्सीजन का लेविल भी बढ़ा है और अनेक स्थानों पर मछलियां भी दिखाई दे रही है। एनजीटी की ओवर साइट कमेटी ने भी सहारनपुर नगर निगम द्वारा किये जा रहे प्रयासों को स्वीकार किया है। कमेटी ने उक्त मामले में सहारनपुर को जुर्माने से मुक्त रखा है। उन्होंने बताया कि एनजीटी द्वारा पांच लाख रुपये प्रति नाला या नदी जुर्माना लगाया जाता है। कमेटी द्वारा यदि सहारनपुर को दोषी पाया जाता तो कम से कम 60 लाख रुपये जुर्माना लगाया जाता।

निगम के पर्यावरण प्लानर डाॅ.उमर सैफ ने बताया कि एनजीटी द्वारा सभी नदियों की लगातार माॅनेटरिंग की जा रही है। इसके अलावा जिलाधिकारी द्वारा भी रिपोर्ट भेजी जाती है और प्रदेश के मुख्य सचिव भी हर माह के तीसरे सोमवार को नदियों के प्रदूषण को लेकर समीक्षा करते है। उन्होंने बताया कि गत वर्ष सहारनपुर नगर निगम को पांच करोड़ जुर्माने का नोटिस मिला था। लेकिन पर्यावरण अनुभाग द्वारा तकनीकी खामियों को दूर किया गया और निगम की पैरवी करते हुए स्थिति से एनजीटी की ओवर साइट कमेेटी को अवगत कराया गया।

रिपोर्ट-खालिक अंसारी

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