RRB-NTPC के नतीजों को लेकर देश में बवाल, समझिए बवाल के पीछे की सारी कहानी
आरआरबी-एनटीपीसी के नतीजे को लेकर उठे विवाद के बाद रेल मंत्रालय ने बड़ा फैसला लिया है। मंत्रालय ने छात्रों के विरोध के बाद अब रेलवे की दोनों परीक्षाओं पर रोक लगा दी है
आरआरबी-एनटीपीसी के नतीजे को लेकर उठे विवाद के बाद रेल मंत्रालय ने बड़ा फैसला लिया है। मंत्रालय ने छात्रों के विरोध के बाद अब रेलवे की दोनों परीक्षाओं पर रोक लगा दी है और एक कमेटी भी गठित कर दी है जो छात्रों की बात सुनेगी. जानकारी के मुताबिक फिलहाल एनटीपीएस और लेवल-1 दोनों की परीक्षाएं रोक दी गई हैं. रेल मंत्रालय ने आज जानकारी दी है कि रेलवे बोर्ड ने एक समिति गठित की है जो उत्तीर्ण छात्रों और परीक्षा में अनुत्तीर्ण छात्रों की बातें सुनेगी और समिति अपनी रिपोर्ट रेल मंत्रालय को सौंपेगी. उसके बाद रेल मंत्रालय आगे का फैसला करेगा।
रेलवे भर्ती बोर्ड (आरआरबी) की एनटीपीसी परीक्षा के परिणाम में धांधली का आरोप लगाते हुए उम्मीदवारों ने बुधवार को लगातार तीसरे दिन हंगामा किया. बिहार से लेकर यूपी तक उम्मीदवारों का यह प्रदर्शन जारी है. बुधवार को नाराज उम्मीदवारों ने कई जगहों पर ट्रेनों में आग लगा दी.
गया रेलवे स्टेशन पर बुधवार को छात्रों ने चलती ट्रेन पर पथराव कर दिया. साथ ही यार्ड में खड़ी पैसेंजर ट्रेन को भी आग के हवाले कर दिया. पटना, सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, आरा और बक्सर में मंगलवार को भी उम्मीदवारों ने कड़ा संघर्ष किया था.
आइये क्रमशा समझे है आखिर पूरा मामला क्या है –
– रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड (आरआरबी) ने 2019 में एनटीपीसी यानी नॉन टेक्निनकल पॉपुलर कैटेगरी की परीक्षा में भर्ती निकाली. इसमें 35 हजार 281 वैकेंसी थी. इनमें से 24 हजार 281 पद ग्रेजुएट और 11 हजार पद अंडर ग्रेजुएट (12वीं पास) के लिए थे. इन्हें 5 लेवल 2, 3, 4, 5, 6 में बांटा गया था.
– अलग-अलग लेवल में योग्यता और तनख्वाह अलग-अलग तय थी. जैसे लेवल-2 जॉब के लिए 12वीं पास होना जरूरी था और इसमें 19 हजार तनख्वाह तय थी. इसी तरह लेवल-6 के लिए ग्रेजुएट होना जरूरी है और इसमें 35 हजार तनख्वाह है.
अब बात अति है विवाद क्या है-
परीक्षा मार्च 2020 में होनी थी, लेकिन कोरोना महामारी की वजह से आगे बढ़ गई. उसके बाद दिसंबर 2020 से जुलाई 2021 के बीच ये परीक्षा हुई. 14 जनवरी 2022 को इसका रिजल्ट आया. इसमें 7 लाख 5 हजार 446 छात्र पास हुए. यानी 35 हजार पदों के लिए 20 गुना ज्यादा अभ्यर्थियों ने दूसरे राउंड के लिए क्वालिफाई कर लिया.
2. परीक्षा देने वाले उम्मीदवारों का आरोप है कि ज्यादा क्वालिफिकेशन वाले लोग भी लेवल 2 जॉब के लिए एग्जाम में बैठ रहे हैं. वहीं, अधिकारियों का कहना है कि ज्यादा क्वालिफिकेशन वालों को कम योग्यता वाली जॉब के एग्जाम में बैठने से नहीं रोका जा सकता.
3. रेलवे का कहना है कि 20 गुना ज्यादा अभ्यर्थी पास हुए हैं, लेकिन अभ्यर्थियों का आरोप है कि इसमें उन ग्रेजुएट छात्रों को भी शामिल कर लिया गया है, जिन्होंने अंडर ग्रेजुएट में भी क्वालिफाई किया है. उनका कहना है कि ऐसे तो कभी उनका सिलेक्शन नहीं होगा क्योंकि ग्रेजुएट उनसे ज्यादा सक्षम हैं.
4. रेलवे का तर्क है कि ऐसा इसलिए किया गया ताकि एक भी पद खाली न रहे. रेलवे ने ये भी कहा कि जब फाइनल रिजल्ट आएगा तो 35 हजार 281 पदों की भर्तियों की लिस्ट होगी. किसी भी उम्मीदवार को एक से ज्यादा पद पर नियुक्त नहीं किया जाएगा.
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