बाबरी विध्वंस मामले में हाई कोर्ट में दाखिल की गई रिवीजन पिटिशन

राम मंदिर निर्माण से एतराज नहीं लेकिन बाबरी विध्वंस करने वाले आरोपियों को मिले सजा : हाजी महबूब

अयोध्या : बाबरी (Babri) विध्वंस मामले पर सीबीआई कोर्ट के फैसले को लेकर अब मुस्लिम पक्षकार हाजी महबूब व हाजी एकलाख ने हाई कोर्ट में क्रिमिनल रिवीजन पिटिशन दाखिल की है। जिसको लेकर जल्द ही सुनवाई की जाएगी।

भीड़ जुटाने के बाद बाबरी (Babri) ढांचा विध्वंस कराया

अयोध्या मैं राम मंदिर निर्माण का कार्य शुरू हो चुका है लेकिन उस स्थान पर खड़े विवादित ढांचे के विध्वंस के मामले में मुस्लिम पक्षकार सीबीआई कोर्ट द्वारा सुनाए गए फैसले से संतुष्ट नहीं हैं।

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इसलिए अब मुस्लिम पक्षकारों ने हाईकोर्ट में रिवीजन पिटिशन दाखिल की है। उनके मुताबिक लाखों लोगों की भीड़ जुटाने के बाद बाबरी (Babri) ढांचा विध्वंस कराया। जबकि इस मामले को लेकर सीबीआई की अदालत 32 लोग आरोपी बनाए गए थे लेकिन सितंबर में आए इस फैसले में सभी आरोपियों को बरी कर दिया गया।

सीबीआई की अदालत द्वारा फैसला दिया गया

हाजी महबूब ने बताया कि अयोध्या में जो मस्जिद शहीद की गई थी जिसको लेकर लखनऊ के हाई कोर्ट में अपील की है और इस मामले को लेकर जो सीबीआई की अदालत द्वारा फैसला दिया गया वह गलत है दुनिया जानती है इन्हीं लोगों के कहने पर बाबरी (Babri) मस्जिद गिराई गई और आज कोर्ट इन्हें बड़ी कर दिया है।

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इसलिए आज उससे बड़ी अदालत में गया हूं। इसमें मुख्य रूप से लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, विनय कटियार सहित कई लोग शामिल हैं वही कहा कि इन लोगों को सजा मिलनी चाहिए। वही कहा कि राम जन्मभूमि पर कुछ भी फैसला आया हो चाहे वह मंदिर बन जाए हम सब मानते हैं लेकिन बाबरी (Babri) विध्वंस के जो आरोपी हैं इनको सजा मिलनी चाहिए। लगभग 50 पेज की तैयार की गई याचिका को कोर्ट में दी गई है।

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