‘लौट आया विकास दुबे का भूत’ जिसे देखकर फिर से भाग खड़े हुए पुलिस वाले
देश मे खलबली मचा देने वाले बिकरु काण्ड के बाद एक बार फिर उसी बिकरु काण्ड ने दहशत मचा दी है। क्योंकि बिकरु गाँव मे आज भी गोलियों की तड़तड़ाहट सुनाई देती है, और तो और बिकरु काण्ड के दुर्दान्त विकास दुबे का भूत भी देख लिया गया।
देश मे खलबली मचा देने वाले बिकरु काण्ड के बाद एक बार फिर उसी बिकरु काण्ड ने दहशत मचा दी है। क्योंकि बिकरु गाँव मे आज भी गोलियों की तड़तड़ाहट सुनाई देती है, और तो और बिकरु काण्ड के दुर्दान्त विकास दुबे का भूत भी देख लिया गया। जिसको लेकर रात के 9 बजते ही पूरे गाँव मे घरों के गेट बंद हो जाते हैं। किसी की हिम्मत नही कि कोई भी ग्रामीण बाहर तक झांक सके।
आइये देखतें हैं कहाँ है विकास का भूत
क्योंकि विकास दुबे का भूत अपने घर की चाहर दिवारी के आस पास घूमता दिखाई देता है। गाँव वालों से घर के अंदर जाने को कहता है। आलम यह तक है कि बिकरु गाँव मे लगा सुरक्षा बल रात होते ही गाँव के बाहर आ जाता है। यहां तक कि जिन पुलिस वालों ने विकास दुबे के भूत को देखा है वह बीमार हो चुके हैं। आइये देखतें हैं कहाँ है विकास का भूत।
जिसके बाद खत्म हो चुका था विकास दुबे का साम्राज्य
पंडित जी… यानी उस बिकरु गाँव का विकास दुबे जिसने सीओ समेत आठ पुलिस वालों को मौत के घाट उतारकर उनका लहू पी लिया था… और बिकरु से फरार हो चला था। जिसके बाद न तो विकास दुबे दुबारा अपने गाँव बिकरु आ पाया और न ही अब कोई भी ग्रामीण पंडित जी के नाम से बुलाता है। क्योंकि बिकरु काण्ड के दुर्दान्त विकास दुबे को एसटीएफ ने एक दुर्घटना के बाद हुई मुठभेड़ में मार गिराया था। जिसके बाद खत्म हो चुका था विकास दुबे का साम्राज्य।
लेकिन अचानक रात 12 बजे यहां के ग्रामीणों को रात के अंधेरे में कुछ दिखने सा लगा। जिसको गौर से देखा गया तो वह विकास दुबे था। जिसे देख कुछ ग्रामीण घरों के अंदर दुबक गए तो कुछ यह जानने की कोशिश कर रहे थे कि जब विकास दुबे मॉर्क चुका है तो वह कौन था।
विकास दुबे अब जिंदा हो गया है लेकिन भूत के रूप में
एक दिन बीत गया दूसरे दिन फिर से रात के 12 बजे उसी महलनुमा खंडहर में विकास दुबे टहलता हुआ दिखा,,, जिसे देख ग्रामीण समझ गए कि मरा हुआ विकास दुबे अब जिंदा हो गया है लेकिन भूत के रूप में.. जिसको देख गाँव मे लगे पुलिस कर्मचारियों ने भी अपनी ड्यूटी हटवा ली है क्योंकि विकास दुबे के भूत को देखने वाले आठ पुलिस वालों की तबियत जो बिगड़ चुकी थी।
अभी तो दहशत सिर्फ विकास दुबे के भूत की थी। हमारी टीम जब 16 सितंबर की रात बिकरु गाँव पहुंची तो नया और बड़ा वाकया सुनने को मिला, जो बेहद चौकाने वाला था।
इस कहानी में कितनी सच्चाई है कितनी अफवाह है या फिर यूं कहें कि बिकरु काण्ड की दहशत अभी लोग भुला नही सके हैं। जिसको निकालने के लिए शायद पीढ़ियों की कहानी बन जायेगा बिकरु का विकास दुबे यानी पंडित जी और उनका भूत।
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