Adi Shankaracharya Jayanti पर पढ़े उनके कुछ जीवन बदल देने वाले विचार
Adi Shankaracharya Jayanti 2022: 6 मई यानि आज हर जगह आदि शंकराचार्य की 1234वीं जयंती है। ये हमारे देश अहम संतों व दार्शनिकों में से एक थे। इनको जगतगुरु शंकराचार्य (Jagatguru Shankaracharya) के नाम से भी पहचाना जाता है। इनको काफी उम्र में ही वेदों का अच्छा खासा ज्ञान प्राप्त हो गया था।
जानकारी के मुताबिक Adi Shankaracharya का जन्म दक्षिण भारत के केरल प्रदेश में हुआ था। इनकी जयन्ती के मौके पर आज हम इनके कुछ खास विचारों के बारे में जानेंगे।
- अपनी इन्द्रियों व इच्छाओं को काबू में करो और अपने हृदय में ईश्वर को देखो।
- हर वस्तु अपने स्वभाव की तरफ बढ़ने लगती है। मैं हमेशा सुख की कामना करता हूं जो कि मेरा वास्तविक स्वरूप है। मेरा स्वभाव मेरे लिए कभी बोझ नहीं है। खुशी मेरे लिए कभी बोझ नहीं है, जबकि दुःख है।
- रुपया-पैसा, रिश्ते-दोस्तों या अपनी जवानी पर घमंड न करें। ये सब चीजें पल भर में पल भर में छीन ली जाती हैं। Adi Shankaracharya बताते हैं कि इस धोखेबाज दुनिया को त्याग कर ईश्वर को जानो और हासिल करो।
आपको बता दें कि कम उम्र में Jagatguru Shankaracharya को वेदों का पूरा ज्ञान हो गया था और 12 वर्ष की उम्र में शास्त्रों का अध्ययन कर लिया था। 16 वर्ष की अवस्था में 100 से भी अधिक ग्रंथों की रचना कर चुके थे। तत्पश्चात मां की आज्ञा से वैराग्य धारण कर लिया था। सिर्फ 32 साल की आयु में केदारनाथ में उन्होंने समाधि ले ली।
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