बदायूं जिले तथा देहातों में खुलेआम हो रही है कच्ची शराब तथा अंग्रेजी शराब की बिक्री

बदायूं : पूरी तरह से लॉक डाउन होने के बाद भी बदायूं जिले में तथा देहातों में भी कच्ची शराब की बिक्री तथा अंग्रेजी शराब की बिक्री बड़े खुलेआम हो रही है और पुलिस प्रशासन आंखों पर काली पट्टी बांध कर बैठा हुआ है. जिसके कारण आए दिन चोरी लूटपाट बड़े आराम से हो रही है.

जन चर्चा है के पुलिस दिन में लॉक डाउन तथा हार्ड फास्ट का पालन करती है और जहां रात में 12 बजते हैं वही एक कर्मचारी अपने अपने घरों पर या अपने अपने वस्त्रों पर जाकर सो जाते हैं और सुबह कोई 4:00 से 5:00 के बीच में आकर अपनी कमान संभाल लेते हैं ताकि पता चले के अधिकारी को के हमारा पुलिस प्रशासन कितना मुस्तैद अपने काम पर लगा रहता है.

लेकिन ऐसा नहीं यदि यह लोग अपने कार्य को कार्य के तरह से निपटाए तो ना तो चोरियां हो और ना ही किसी के घर में लूटपाट और ना ही कहीं पर अवैध रूप से शराब की बिक्री चल रही हो और ना ही कोई पर किसी की मोटरसाइकिल यह स्कूटी चोरी हो लेकिन ऐसा कभी नहीं हो सकता क्योंकि हमारा उत्तर प्रदेश आज भी भ्रष्टाचार के नाम पर मशहूर है और हमारे उत्तर प्रदेश में हर चीज जुगाड़ से होती है जुगाड़ लग जाती है तो अंग्रेजी शराब की पेटियां लोगों के घरों में पहुंच जाती हैं और वह दूने दामों में सप्लाई की जा रही हैं.

यहां तक कि सरकार ने तंबाकू गुटका बीड़ी तक बंद कर दी है लेकिन छोटे-छोटे दुकानदारों के लिए तो यह लोग पकड़ लेते हैं लेकिन जो व्यक्तित्व का कार्य कर रहा है जिसके घर पर आज भी करोड़ों रुपए की तमाखू भरी हुई है उनके घरों पर छापा क्यों नहीं मार रहे हैं क्योंकि वह मोटी मुर्गी है और मोटी मुर्गी पर हाथ डालना ठीक नहीं है. क्योंकि एक कहावत है के शेर के सामने सवा सेर फिर हो जाता है इसलिए शेर पर कोई भी हाथ नहीं डालता है. घोड़े गधे कुत्ते पर हर आदमी यहां डाल देता है क्योंकि वह भोकने और दौड़ने के अलावा उसके पास कुछ भी नहीं होता है इसलिए गरीब आदमी को तो हर अधिकारी हर कर्मचारी दवा लेता है.

किसी शेर व्यक्ति को दबा कर के तो देखें इसीलिए हमारे देश में अवैध धंधे जनता कर्फ्यू तथा लॉक डॉन तथा हॉटस्पॉट लगने के बाद भी हर चीज जिले में खुलेआम बिक रही है और प्रशासन मूकदर्शक बन कर बैठ गया है

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