राम मंदिर भूमि पूजन : पीएम नरेंद्र मोदी ने माथे से लगायी भूमि पूजन के कुंड की मिट्टी
राम मंदिर भूमि पूजन : पीएम नरेंद्र मोदी ने माथे से लगायी भूमि पूजन के कुंड की मिट्टी।
राम मंदिर भूमि मंदिर : पीएम नरेंद्र मोदी पहुंचे मंच पर, पंडाल में आसीन सभी को किया दंडवत प्रणाम।
Ram Mandir Bhoomi Poojan अयोध्या : पीएम नरेन्द्र मोदी का सम्बोधन- आज का ये दिन करोड़ों रामभक्तों के संकल्प की सत्यता का प्रमाण है।
- आज का ये दिन सत्य, अहिंसा, आस्था और बलिदान को न्यायप्रिय भारत की एक अनुपम भेंट है.
- इसी मर्यादा का अनुभव हमने तब भी किया था.
- जब माननीय सर्वोच्च न्यायालय ने अपना ऐतिहासिक फैसला सुनाया था।
- हमने तब भी देखा था कि कैसे सभी देशवासियों ने शांति के साथ.
- सभी की भावनाओं का ध्यान रखते हुए व्यवहार किया था ।
Ram Mandir Bhoomi Poojan आज भी हम हर तरफ वही मर्यादा देख रहे हैं – PM
- कोरोना से बनी स्थितियों के कारण भूमिपूजन का ये कार्यक्रम अनेक मर्यादाओं के बीच हो रहा है.
- श्रीराम के काम में मर्यादा का जैसा उदाहरण प्रस्तुत किया जाना चाहिए।
- देश ने वैसा ही उदाहरण प्रस्तुत किया है.
- जैसे पत्थरों पर श्रीराम लिखकर रामसेतु बनाया गया.
- वैसे ही घर-घर से गांव-गांव से श्रद्धापूर्वक पूजी शिलाएं, यहां ऊर्जा का स्रोत बन गई हैं।
देश भर के धामों और मंदिरों से लाई गई मिट्टी और नदियों का जल, वहां के लोगों,वहां की संस्कृति और वहां की भावनाएं,आज यहां की शक्ति बन गई हैं.
- जिस तरह दलितों-पिछ़ड़ों-आदिवासियों, समाज के हर वर्ग ने आजादी की लड़ाई में गांधी जी को सहयोग दिया।
- उसी तरह आज देशभर के लोगों के सहयोग से राम मंदिर निर्माण का ये पुण्य-कार्य प्रारंभ हुआ है.
- इस मंदिर के साथ सिर्फ नया इतिहास ही नहीं रचा जा रहा, बल्कि इतिहास खुद को दोहरा भी रहा है।
- जिस तरह गिलहरी से लेकर वानर और केवट से लेकर वनवासी बंधुओं को भगवान राम की विजय का माध्यम बनने का सौभाग्य मिला।
- इस मंदिर के साथ सिर्फ नया इतिहास ही नहीं रचा जा रहा.
- बल्कि इतिहास खुद को दोहरा भी रहा है.
- जिस तरह गिलहरी से लेकर वानर और केवट से लेकर वनवासी बंधुओं को भगवान राम की विजय का माध्यम बनने का सौभाग्य मिला।
श्री रामचंद्र को तेज में सूर्य के समान,
क्षमा में पृथ्वी के तुल्य,
बुद्धि में बृहस्पति के सदृश्य.
और यश में इंद्र के समान माना गया है।
श्रीराम का चरित्र सबसे अधिक जिस केंद्र बिंदु पर घूमता है, वो है सत्य पर अडिग रहना।
इसीलिए ही श्रीराम संपूर्ण हैं- PM
- श्रीराम ने सामाजिक समरसता को अपने शासन की आधारशिला बनाया था।उन्होंने गुरु वशिष्ठ से ज्ञान,
केवट से प्रेम,
शबरी से मातृत्व,
हनुमानजी एवं वनवासी बंधुओं से सहयोग और
प्रजा से विश्वास प्राप्त किया।
यहां तक कि एक गिलहरी की महत्ता को भी उन्होंने सहर्ष स्वीकार किया-PM
उनका अद्भुत व्यक्तित्व,
उनकी वीरता, उनकी उदारता, उनकी सत्यनिष्ठा, उनकी निर्भीकता, उनका धैर्य, उनकी दृढ़ता, उनकी दार्शनिक दृष्टि युगों-युगों तक प्रेरित करते रहेंगे।
- राम प्रजा से एक समान प्रेम करते हैं
- लेकिन गरीबों और दीन-दुखियों पर उनकी विशेष कृपा रहती है-PM
- जीवन का ऐसा कोई पहलू नहीं है, जहां हमारे राम प्रेरणा न देते हों।
- भारत की ऐसी कोई भावना नहीं है जिसमें प्रभु राम झलकते न हों।
- भारत की आस्था में राम हैं, भारत के आदर्शों में राम हैं!.
- दिव्यता में राम हैं, भारत के दर्शन में राम हैं-PM
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