Farmer Protest: भाकियू नेता राकेश टिकैत ने किया ऐलान , कृषि कानूनों के विरोध में…

नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान गाजीपुर बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे हैं.गाजीपुर बॉर्डर पर किसान आंदोलन का नेतृत्व राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) कर रहे हैं

नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसान गाजीपुर बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे हैं.गाजीपुर बॉर्डर पर किसान आंदोलन का नेतृत्व राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) कर रहे हैं .भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने ऐलान किया है कि वह कृषि कानूनों के विरोध की लड़ाई को मजबूती से लड़ने के लिए गुजरात का भी दौरा करेंगे.

भाकियू नेता टिकैत ने कहा कि गुजरात, महाराष्ट्र्र से बहुत से किसान लगातार दिल्ली बॉर्डर पर आकर आंदोलन में सम्मिलित हो रहे हैं, टिकैत बोले कि जिन राज्यों से किसान आ रहे हैं उन राज्यों में हम जाकर गांव में पंचायत करेंगे, और कृषि कानूनों के बारे में गांव के लोगों को बताएंगे

भाकियू नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने कहा कि नए कृषि कानूनों से किसी का भला नहीं होने वाला है. आज जो गांव में दूध 20-25 रुपये लीटर मिलता है. वहीं शहरों में 50-60 रुपये प्रति लीटर मिलता है. टिकैत बोले इसी तरह अगर खेती प्राइवेट कंपनियों के हाथों में चली जाएगी तो फसलों का सही दाम भी इसी तरह से तय किए जाएंगे.

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गाजीपुर बॉर्डर पर गुजरात से आए किसानों ने बीते रविवार को राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) को चरखा दिया. इस पर टिकैत ने कहा कि चरखा चलाकर गांधीजी ने अंग्रेजों को भारत से बाहर भेजा था . अब हम भी गांधीजी की तरह चरखा चलाकर कंपनियों को बाहर भेजेगें.

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आपको बता दें कि बीते कुछ दिनों में किसान संगठन अलग-अलग राज्य के हिस्सों में किसान महापंचायत कर रहे हैं. यूपी, राजस्थान, हरियाणा, पंजाब के बाद अब किसान महापंचायत की गूंज बंगाल तक पहुंच गई है. राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने गुजरात, महाराष्ट्र में भी महापंचायत करने की बात कही है.

बता दें कि किसान संगठनों और केंद्र सरकार के बीच अबतक 11 दौर की बातचीत हुई है, किसान और सरकार के साथ अखिरी बातचीत 22 जनवरी को हुई थी. किसान संगठन कृषि कानूनों को रद्द कराने पर अड़े थे. यही कारण है कि काफी समय से किसान और सरकार के बीच बातचीत रुकी हुई है.

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