लखनऊ : जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने राजधानी के इन 45 निजी अस्पतालों में की छापेमारी, 29 को भेजा गया नोटिस

तो किसी अस्पताल में मरीज तो थे पर डॉक्टर नदारद थे। यही नहीं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के होश उस वक़्त उड़ गए जब उन्हें ऑपरेशन थियेटर में दवा की जगह बीयर की बोतलें मिली।

कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए केंद्र सरकार ने सभी राज्यों से तैयार रहने को कहा है। इसी के चलते कल राजधानी में जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने शहर के कई प्राइवेट अस्पतालों में छापेमारी की। 45 निजी अस्पतालों में छापेमारी की गयी। इन अस्पतालों में किसी के लाइसेंस की वैद्यता खत्म हो गयी थी। तो किसी अस्पताल में मरीज तो थे पर डॉक्टर नदारद थे। यही नहीं स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के होश उस वक़्त उड़ गए जब उन्हें ऑपरेशन थियेटर में दवा की जगह बीयर की बोतलें मिली।

राजधानी के निजी अस्पतालों की ये हालत देख के इस बात का अंदाज़ा लगाया जा सकता है कि वो कैसे आम लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ कर रहे है। 45 निजी अस्पतालों में की गयी छापेमारी में 29 को चिंहित किया गया है और उनको नोटिस भी भेज दी गयी है।

दवा की जगह मिली बीयर

राजधानी के प्राइवेट अस्पतालों की हालत किया है उसका अंदाज़ा आप इसी बात से लगा सकते है कि तुलसी एंड ट्रामा सेंटर पर छापेमारी के दौरान स्वास्थ्य विभाग को चार आईसीयू बेड थे, लेकिन डॉक्टर नहीं थे। यहां ओटी के फ्रिज में बीयर की बोतलें रखी मिलीं। लाइसेंस की वैद्यता भी खत्म हो गई थी।

बिना डिग्री के लोग कर रहे है काम

स्वास्थ्य विभाग की टीम जब मॉडर्न हॉस्पिटल मैटरनिटी एंड ट्रामा सेंटर पहुंची तो वहां पे तीन आईसीयू के बेड मिले, लेकिन एक्स-रे व इमरजेंसी की सुविधाएं नही थीं। यहां पे भी टीम को कोई भी डॉक्टर नहीं मिला स्टॉफ नर्स के पास नर्सिंग की डिग्री तक नहीं थी। ऐसा ही कुछ न्यू एशियन हॉस्पिटल एंड ट्रामा सेंटर में भी देखने को मिला। जहां पे डॉक्टर नहीं थे और बीएससी डिग्रीधारक अस्पताल मालिक प्रेम कुमार वर्मा खुद ही मरीजों का इलाज करते मिले।

जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश ने सीएमओ को दिए ये निर्देश

सोमवार को की गयी छापेमारी में सीएमओ डॉ. मनोज अग्रवाल ने बताया कि जिलाधिकारी के द्वारा दिए गए आदेश के बाद अगर अस्पताल मैनेजमेंट ने संतोषजनक जवाब नहीं दिया तो सीलिंग की कार्रवाई की जाएगी।

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