किसानों के प्रति बेपरवाही और सूट-बूट के साथियों के प्रति सहानुभूति क्यों ?: राहुल गांधी

राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए कहा, "किसानों को MSP की लीगल गारंटी ना दे पाने वाली मोदी सरकार अपने उद्योगपति साथियों को अनाज के गोदाम चलाने के लिए निश्चित मूल्य दे रही है. सरकारी मंडियां या तो बंद हो रही हैं या अनाज खरीदा नहीं जा रहा. किसानों के प्रति बेपरवाही और सूट-बूट के साथियों के प्रति सहानुभूति क्यूँ?."

राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने ट्वीट करते हुए कहा, “किसानों को MSP की लीगल गारंटी ना दे पाने वाली मोदी सरकार अपने उद्योगपति साथियों को अनाज के गोदाम चलाने के लिए निश्चित मूल्य दे रही है. सरकारी मंडियां या तो बंद हो रही हैं या अनाज खरीदा नहीं जा रहा. किसानों के प्रति बेपरवाही और सूट-बूट के साथियों के प्रति सहानुभूति क्यूँ?.”

कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने ट्वीट के जरिए मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए लिखा है कि, ‘देश एक बार फिर से चंपारन जैसी त्रासदी झेलने जा रहा है। तब अंग्रेज कंपनी बहादुर था, अब मोदी-मित्र कंपनी बहादुर हैं। लेकिन आंदोलन का हर किसान-मजदूर सत्याग्रही जो अपना अधिकार लेकर रहेगा।

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किसानों ने ऐलान किया है अगर 4 जनवरी को सरकार के साथ होने वाली बैठक में अगर उनकी बातें नहीं मानी गईं तो ट्रैक्टर मार्च निकाला जाएगा. ये मार्च 6 जनवरी से शुरू होकर 26 जनवरी तक चलेगा. इस दौरान 6 जनवरी को कुंडली, मानेसर और पलवल हाईवे पर मार्च होगा. इसके बाद शाहजहांपुर मोर्चे को आगे लाएंगे. इसके बाद अगले 15 दिनों तक देश के अलग-अलग हिस्सों में प्रदर्शन करेंगे. 18 जनवरी को महिला किसान दिवस के रूप में मनाएंगे और 23 जनवरी को सुभाष चंद्र बोस के जन्मदिन के अवसर पर सभी राज्यों में राजभवनों पर मार्च करेंगे.

कृषि कानून के विरोध में आंदोलन कर रहे किसानों का आज 39वां दिन है. सरकार के साथ अब तक किसानों की सात राउंड की मीटिंग हो चुकी है लेकिन अभी भी कोई हल नहीं निकला है. सातवें दौर की बैठक में दो मुद्दों पर सहमति बनने के बाद भी किसान आंदोलनरत हैं. किसानों ने कहा कि, 8वें दौर की 4 जनवरी को होने वाली बैठक में अगर कोई फैसला नहीं होता है तो आंदोलन और तेज होगा.

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