रघुराम राजन ने अर्थव्यवस्था की सुस्ती के लिए मोदी सरकार को ठहराया जिम्मेदार, कही ये बड़ी बात

देश की अर्थव्यवस्था को लेकर भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने कहा सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। राजन ने कहा सरकार अर्थव्यवस्था की तुलना में अपने राजनीतिक और सामाजिक एजेंडे पर ध्यान दे रही है। देश में अर्थिक सुस्ती की यही अहम वजह है।

यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो बूथ स्कूल ऑफ बिजनेस में प्रोफेसर (वित्त) राजन ने कहा की अर्थव्यवस्था को देखते हुए अगर प्रमुख समस्याओं पर ध्यान दिया जाए तो फिर से विकास दर पटरी लौट सकती है। उन्होंने कहा कि आर्थिक सुस्ती के लिए राजनीति ही जिम्मेदार है।

एक टीवी को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि चुनाव में बड़ी जीत के बाद मौजूदा सरकार अपने राजनीतिक और सामाजिक एजेंडे को पूरा करने पर जोर दे रही है। उन्होंने कहा कि ये दुखद है कि इसके चलते विकास दर में सुस्ती जारी है। इसके लिए पूर्व में सरकार के नोटबंदी और जीएसटी लागू करने जैसे फेसले जिम्मेदार माने जा रहे थे।

राजन ने कहा कि भारत वित्तीय क्षेत्र को दुरुस्त करने पर पर्याप्त ध्यान नहीं दिया है और दुखद है कि इसके चलते सुस्ती बनी हुई है। उन्होंने कहा कि मूल बातों पर अगर ध्यान दिया जाए तो और उचित कदम उठाए जाएं तो हालात फिर से ठीक हो सकता है।

विश्व स्तर की अर्थव्यवस्था को लेकर उन्होंने कहा कि वैश्विक आपूर्ति चैन को देेखें तो निश्चित रूप से कुछ पुरानी समस्याएं होंगी, ऐसे में कही गड़बड़ी होती है तो पूरे चैन पर असर पड़ता है।

बता दें कि देश की अर्थव्यवस्था को लेकर आए दिन पक्ष-विपक्ष में बयानबाजी होती रहती है वहीं दूसरी ओर कोरोना वायरस के चलते विश्व मंदी का खतरा मंडरा रहा है।

वाणिज्य एवं उद्योग मंडल पी.एच.डी.सी.सी.आई. ने कहा कि कोरोना वायरस के फैलने से वैश्विक वृद्धि दर पर 0.3 प्रतिशत यानी 250 अरब डॉलर तक का असर पड़ सकता है। पी.एच.डी.सी.सी.आई. के अध्यक्ष डी.के. अग्रवाल ने कहा कि वैश्विक आपूर्ति के बाधित होने से न केवल चीन का निर्यात प्रभावित होगा बल्कि आयातक देशों के निर्यात भी प्रभावित होंगे।

इसका कारण यह है कि कच्चे माल और मध्यवर्ती वस्तुओं का बड़ा हिस्सा चीन से आयात होता है और उससे अंतिम वस्तु तैयार कर दूसरे देशों को निर्यात किया जाता है।

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