राफेल डील की निष्पक्ष जाँच के लिए नए जज की नियुक्ति, राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन से भी हो सकती है पूछताछ
भारत और फ्रांस के बीच हुए 36 राफेल विमानों की डील में हुए विवादों का मामला शांत होता नहीं दिख रहा है।
भारत और फ्रांस के बीच हुए 36 राफेल विमानों की डील में हुए विवादों का मामला शांत होता नहीं दिख रहा है। भारत के बाद अब फ्रांस में भी इस डील में हुए घोटाले की जाँच के लिए एक जज की नियुक्ति की गई है। इस नियुक्ति के बाद वहां की फाइनेंशियल क्राइम ब्रांच ने कहा कि इस सौदे को लेकर लगाए गए भ्रष्टाचार और पक्षपात के आरोप की जांच की जाएगी।
इससे पहले फ्रेंच एनजीओ शेरपा भी राफेल विमानों की डील में हुए घोटाले की शिकायत दर्ज़ करवा चूका है। फाइटर जेट की डील 7.8 बिलियन यूरो की थी। इस मामले को लेकर फ्रेंच पब्लिकेशन मीडियापार्ट ने एक रिपोर्ट भी प्रकाशित की थी।
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जाँच की चपेट में आएंगे बड़े नाम
फिर से शुरू होने वाली जाँच में इस बार बड़े-बड़े नामों पे आंच आने की संभावना जताई जा रही है। जांच में फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद जो राफेल सौदे पर हस्ताक्षर किए जाने के समय पद पर थे, और वर्तमान फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन, जो उस समय वित्त मंत्री थे उनके कामकाज को लेकर भी सवाल किए जाएंगे। तत्कालीन रक्षा मंत्री और अब फ्रांस के विदेशी मंत्री जीन-यवेस ले ड्रियान से भी जुड़ी चीजों को लेकर पूछताछ की जा सकती है।
डसॉल्ट एविएशन किसी भी प्रकार की धाँधली से कर चुकी है मना
बता दे कि राफेल बनाने वाली कंपनी डसॉल्ट एविएशन ने इस डील में किसी भी प्रकार की धाँधली होने से मना किया है। कंपनी का कहना था कि आधिकारिक संगठनों द्वारा कई नियंत्रण किए जाते हैं। कोई भारत के साथ 36 राफेल को लेकर हुई डील में कोई भी धांधली नहीं हुई थी।
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