QUAD शिखर सम्मलेन: हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शांति सुनिश्चित करने और वैश्विक भलाई के लिए एक ताकत है QUAD समूह-पीएम

वैश्विक कोविड-19 महामारी के बीच, मानवता की बेहतरी के लिए QUAD के तहत हम फिर से मिल रहे हैं-पीएम मोदी

24 सितंबर को वाशिंगटन में आयोजित हुए QUAD शिखर सम्मलेन में भारत के प्रतिनिधि के रूप में शिरकत की। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने ऑस्ट्रेलिया और जापान के प्रधानमंत्रियों के साथ शुक्रवार को अमेरिका के वाशिंगटन में आयोजित QUAD नेताओं की पहली व्यक्तिगत बैठक में भाग लिया। QUAD शिखर सम्मलेन का आयोजन अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा किया गया था। QUAD सम्मलेन के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि उनका दृढ़ विश्वास है कि समूह के ये चार देश “वैश्विक के लिए बल” के रूप में कार्य करेंगे और हिंद-प्रशांत क्षेत्र के साथ-साथ पूरी दुनिया में शांति और समृद्धि सुनिश्चित करेंगे।

नवंबर 2017 में भारत, जापान, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया ने सामरिक क्षेत्र में चीन के बढ़ते सैन्य उपस्थिति के बीच हिंद-प्रशांत क्षेत्र में महत्वपूर्ण समुद्री मार्गों को किसी भी प्रभाव से मुक्त रखने के लिए एक नई रणनीति विकसित करने के लिए QUAD की स्थापना के लंबे समय से लंबित प्रस्ताव को आकार दिया।

बाइडेन के निमंत्रण पर, मोदी और उनके समकक्ष ऑस्ट्रेलिया से स्कॉट मॉरिसन और जापान से योशीहिदे सुगा व्हाइट हाउस में पहली बार व्यक्तिगत रूप से QUAD शिखर सम्मेलन के लिए अमेरिकी राजधानी वाशिंगटन में एकत्र हुए हैं।

भविष्य की संभावनाओं और चुनौतियों के लिए QUAD देशों का एक समान दृष्टिकोण: बाइडेन

QUAD शिखर सम्मलेन में बोलते हुए, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन ने कहा कि QUAD देशों का भविष्य की संभावनाओं और चुनौतियों को लेकर एक समान दृष्टिकोण है। इस दौरान उन्होंने QUAD देशों के छात्रों के लिए ”QUAD फेलोशिप” की भी घोषणा की। बिडेन ने कहा, “आज, हम अपने प्रत्येक QUAD देशों के छात्रों के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका में अग्रणी स्टेम कार्यक्रमों में उन्नत डिग्री हासिल करने के लिए एक नई QUAD फेलोशिप की भी शुरुआत कर रहे हैं, जो भविष्य के नेता, नवोन्मेषक और कल के अग्रदूत के रूप में विश्व के सामने उपस्थित होंगे।”

जब व्हाइट हाउस में बाइडेन ने मोदी को हँसायां

व्हाइट हाउस में मीटिंग के दौरान बाइडेन ने प्रधानमंत्री मोदी से कहा कि ”एक बार भारतीय मीडियाकर्मी ने मुझसे पूछा था कि क्या भारत में आपका कोई रिश्तेदार है? ‘मैंने कहा कि मैं इस बारे में बहुत निश्चित नहीं हूँ, लेकिन जब मैं 1972 में एक 29 वर्षीय बच्चे के रूप में चुना गया था, तो शपथ ग्रहण करने से पहले, मुझे मुंबई से बाइडेन उपनाम के एक व्यक्ति का एक पत्र मिला था। मैं कभी उस पत्र के अनुपालन में सक्षम नहीं हो पाया।

उन्होंने मीडिया को यह बताते हुए याद किया कि उस समय भारत में पांच बाइडेन रहते थे।आगे विस्तार से बताते हुए, बिडेन ने मजाक में कहा, “ईस्ट इंडिया कंपनी में एक कैप्टन जॉर्ज बाइडेन थे। एक आयरिश व्यक्ति के लिए यह स्वीकार करना कठिन है। मुझे इतना अनौपचारिक नहीं होना चाहिए। मुझे आशा है कि आप मजाक ही समझ रहे हैं। अंत नतीजा यह हुआ कि वह हमेशा के लिए भारत में रुके और एक भारतीय महिला से शादी कर ली।”

बिडेन ने कहा, “चूँकि मैं इस बारे में अभी तक कोई जानकारी इकट्ठा नहीं कर पाया हूं, इसलिए इस बैठक का पूरा उद्देश्य मुझे इस पूरी घटना का पता लगाने में मदद करना है,” बाइडेन के इस बात पर प्रधानमंत्री मोदी सहित बैठक कक्ष में मौजूद लोगों के बीच हंसी शुरू हो गई।

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