सीतापुर: योगी सरकार के ऊपर से जनता का भरोसा टूटा, पुलिस प्रशासन भी नेताओं के डर से नहीं कर रही कार्यवाई
खेत में भैंस का बच्चा जाने से दबंगों ने एक परिवार के लोगों को जमकर पीटा, जिसके बाद दो लोगों की हालत अभी भी गंभीर बनी हुई है लेकिन पुलिस प्रशासन मुकदमा लिखने से पीछे हट रही है।
उत्तर प्रदेश के सीतापुर से एक बड़ी खबर सामने आई है जहां सदरपुर थाना क्षेत्र में दबंगों ने एक परिवार के साथ जमकर मारपीट की ।मारपीट में पीड़ित परिवार के पांच लोग घायल हो गए जिनमें तीन की हालत गंभीर बताई जा रही है। घायलों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जिसमें एक को लखनऊ के KGMC रेफर कर दिया गया है। जहां पीड़ीत की हालत नाजुक बनी हुई है।
सीतापुर के सदरपुर थाना क्षेत्र के बजेहरा गांव में दबंगों ने खेत में जानवर के जाने पर एक परिवार के साथ जमकर मारपीट की। प्रत्यक्षदर्शियों की माने तो पीड़ित पिछले सोमवार को शाम के 4:00 बजे अपने गांव के बाहर सड़क पर अपनी भैंस चरा रहा था तभी भैंस का बच्चा दबंग महाराज सिंह पुत्र मिश्रीलाल के खेत में चला गया इतने में महाराज सिंह नाराज होकर प्रार्थी को गंदी-गंदी गालियां देते हुए लाठी से मारने पीटने लगा। शोर सुनने पर पीड़ित परिवार के अन्य सदस्य मौके पर पहुंचे । इतने में दबंगों ने लाठी डंडे एवं धारदार हसिया से पीड़ित परिवर पर हमला बोल दिया।
घर में घुस कर की मारपीट-
उन लोगों ने भी प्रार्थी व उसके परिवारवालों को गालियां देते हुए मारना पीटना शुरू कर दिया। जिससेे प्रार्थी के भाई राम नरेश ,ओमप्रकाश, हरे राम भतीजे पंकज को जान से मार डालने की मंशा के साथ मारा पीटा। जिसके बाद प्रार्थी मौके पर चोटिल होकर बेहोश हो गए . प्रार्थी ने धटना की सूचना दिनांक 14-9-2021 को थाना सदरपुर में दी। जिसके बाद चोटिल प्रार्थी आलोक, रामनरेश, ओमप्रकाश, हरेराम और पंकज को पुलिस वालों के साथ सरकारी अस्पताल बिसवां भेजा गया. जहां चिकित्सीय परीक्षण के पश्चात रामनरेश व ओमप्रकाश को गंभीर चोटों के चलते जिला अस्पताल सीतापुर लाया गया। जिसके बाद गंभीर चोटों के चलते रामनरेश पुत्र गुरु वचन को ट्रामा सेंटर लखनऊ के लिए रेफर कर दिया गया। जहां वह जीवन व मृत्यु की लड़ाई लड़ रहा है। राम नरेश की हालत अत्यन्त खराब है और वो ऑक्सीजन पर अपनी मौत से लड़ रहे है. वहीं ओमप्रकाश अभी भी जिला अस्पताल सीतापुर में भर्ती है. जिसका इलाज जारी है।
घटना की विडियो-
वहीं इतना सब होने के बाद भी महाराज सिंह का परिवार प्रार्थी व उसके परिवार वालों को गांव में नहीं आने दे रहे हैं और धमकी दे रहे हैं कि अगर गांव में आ गए तो जिंदा नहीं छोड़ेंगे।
गौर करने वाली बात ये है की इस घटना के बाद मुकदमा आईपीसी 307 व उचित धाराओं में तहरीर होना व जिम्मेदारों की गिरफ्तारी करना आवश्यक था लेकिन थाने में दिनांक 14-9 -2021 को प्रार्थना पत्र रिपोर्ट दर्ज कराने के हेतु दिया भी गया था, परंन्तु प्रार्थी की रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई.
थाना सदरपुर के दरोगा नयन सिंह विपक्षीगण के दबाव में प्रार्थी की रिपोर्ट दर्ज नहीं कर रहे हैं और प्रार्थी से कह रहे हैं कि घर पर मत रुको इधर-उधर भागते रहो. इससे पहले दिनांक 13-9-2021 को महाराज सिंह का परिवार प्रार्थी के घर के दरवाजे को तोड़कर घर में घुस गए और औरतों को गंदी गंदी गालियां देते हुए लाठी-डंण्डों से खूब मारा-पीटा तथा नाजायज असलहों से डराया धमकाया जा रहा था।
प्रशासन की लापरवाही आई सामने-
जिसकी सूचना थाने को दी गयी लेकिन दरोगा नयन सिंह पर ये आरोप है की उन्होंने अपने मन मनमुताबिक प्रार्थी से प्रार्थना पत्र लिखवा लिया था। दरोगा जी धारा 307 की जगह धारा 308 में रिपोर्ट दर्ज करना चाहते हैं. जबकि रामनरेश की हालत अत्यन्त खराब है जिसका इलाज ट्रामा सेंटर लखनऊ में चल रहा है.वहीं ओमप्रकश का इलाज जिला अस्पताल सीतापुर में चल रहा है.
सवाल ये है की आखिर सदरपुर पुलिस क्या कर रही? पुलिस अपनी मनमानी ही करेगी तो जनता कैसे भरोसा करेगी? कैसे मिलेगा योगी सरकार में इंसाफ? जब उनकी थाने में सुनवाई नहीं हुई। तब प्रार्थी ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय में आकर प्रार्थना पत्र दिया।
पुलिस नहीं लिख रही उचित धारा में मुकदमा-
प्रार्थी के परिवार ने ये आरोप लगाया की महाराज सिंह दबंग किस्म का आदमी है और पुलिस भी उसकी सहायताकर रही है। पीड़ित लोगों ने आरोप लगाते हुए कहा की पुलिस ले देकर महाराज सिंह के पक्ष में बोल रही है. हम इतने दिनों से थाने में दौड़ रहे है लेकिन हमारी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। अस्पताल में परिवार के दो लोगों की नाजुक हालत बनी हुई है फिर भी पुलिस नहीं ध्यान देती है।
ऐसा आरोप है की थाना प्रभारी अमित भदौरिया जहां भी रहते हैं वहां क्राइम भी बढ़ जाता है. थाने में कभी भी फरियादी लोगों की नहीं सुनी जाती है जिसके बाद पीड़ित लोग पुलिस अधीक्षक कार्यालय के चक्कर काटते हैं जब वहां प्रार्थना पत्र देते हैं तब उन्हें और आश्वासन दे दिया जाता है फिर भी कोई कार्यवाही नहीं होती है। पीड़ित लोगों का कहना है थाना प्रभारी अमित भदौरिया व नयन सिंह दरोगा जी को तत्काल रुप से निलंबित किया जाए नहीं तो धरना प्रदर्शन के साथ भूख हड़ताल पर बैठ जाएंगे। जब यहां पर विकास भवन में भी नहीं सुनी जाएगी तब पैदल मार्च करके मुख्यमंत्री के पास जाएंगे।
बीईट- पीड़ित
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